अब दो करोड़, 64 लाख, 30 हजार रुपये के अभाव में अवशेष कार्य ठप पड़ा है,जबकि 31 अक्टूबर तक निर्माण पूरा कराया जाना है
आजमगढ़ : जिले के मंदुरी एयरपोर्ट से 'उड़ान' का सपना अभी सच होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि हवाईपट्टी के विस्तारीकरण के लिए शासन से अवमुक्त धन खर्च हो चुका है। अब दो करोड़, 64 लाख, 30 हजार रुपये के अभाव में अवशेष कार्य ठप पड़ा है। जबकि कार्यदायी संस्था की ओर से जिला प्रशासन के माध्यम से अगस्त में ही धनराशि की मांग के लिए प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन उत्तर प्रदेश से की जा चुकी है। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत मंदुरी हवाईपट्टी को नो फ्रिल (कम सुविधाओं वाले) एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की योजना एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया की तरफ से प्रस्तावित किया गया। 18 करोड़, 21 लाख, 40 हजार रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। विस्तारीकरण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम की जिला इकाई को दी गई। निर्धारित धनराशि के सापेक्ष 14 करोड़, 57 लाख, 19 हजार रुपये अवमुक्त होने के बाद कार्यदायी संस्था द्वारा 19 नवंबर 2018 से कार्य शुरू करा दिया गया। अवमुक्त धन खर्च हो गया लेकिन शेष कार्य कार्य पूर्ण कराने के लिए आवश्यक अवशेष धनराशि अभी तक नहीं भेजी गई। जबकि 31 अक्टूबर तक निर्माण पूरा कराया जाना है। ये कराए जाने हैं कार्य कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने दो अगस्त को प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन उत्तर प्रदेश को रिपोर्ट प्रेषित की है जिसमें 1821.49 लाख रुपये खर्च का ब्योरा दिया गया है। इसमें इसमें एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित मानचित्र के अनुसार टर्मिनल बिल्डिग, एटीसी टॉवर, सीमेंट कंक्रीट पेवमेंट, रनवे और सेफ्टी एरिया (रेसा), फायर पिट व रनवे के दोनों तरफ 28.5 मीटर बेसिक स्ट्रिप निर्माण मिट्टी भराई से प्रस्तावित है। इसलिए कम से कम 254.90 लाख रुपये धन की स्वीकृति की जाए। परियोजना प्रबंधक, पीएन सिंह, राजकीय निर्माण निगम ने बताया की 'मंदुरी एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए जो भी धन अवमुक्त था, उसका विभिन्न कार्यों में व्यय किया जा चुका है। शेष कार्य के लिए अवशेष धनराशि की मांग जिलाधिकारी के माध्यम से दो अगस्त को ही कर दी गई है।''
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