आजमगढ़ : गुजरात पुलिस की ओर से सिमी संस्थापक सदस्य शाहिद बद्र फलाही को आजमगढ़ के मनचोभा से गिरफ्तार कर शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड लेने के लिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के बाद अदालत ने शाहिद बद्र को सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया था। इस मामले में शनिवार को गुजरात पुलिस ने रिवीजन दाखिल किया। जिला सत्र न्यायाधीश सर्वेश कुमार की अदालत ने रिवीजन स्वीकार कर आरोपी को नौ सितंबर को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है। सिमी का संस्थापक सदस्य शाहिद बद्र वर्ष 2001 में गुजरात प्रांत के भुज में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 68/2001, धारा-153,143 में आरोपित है। उसके खिलाफ गुजरात के कोर्ट से आठ साल पहले गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी है। आजमगढ़ शहर थाना कोतवाली के मनचोभा गांव निवासी आरोपी शाहिद बद्र फलाही को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में ट्रांजिंट रिमांड के लिए पेश किया था। आरोपी के अधिवक्ता अरुण सिंह, मोहम्मद खालिद और रफीक अहमद ने जमानत पत्र प्रस्तुत किया। इसका विरोध अभियोजन अधिकारी मानिकचंद्र ने किया। अदालत ने सशर्त बंध पत्र दाखिल किए जाने पर रिहा किए जाने का आदेश दिया था । इस आदेश के खिलाफ शनिवार को जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में रिवीजन दाखिल हुआ। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता पीयूष तिवारी, एसपीओ रघुबंश शुक्ला और मानिकचंद्र ने अपने तर्कों को रखा। उन्होंने कहा कि निचली अदालत से गुजरात पुलिस ने ट्रांजिट रिमांट मांगी थी, जबकि सुनवाई जमानत प्रार्थना पत्र पर हुई। आरोपी के खिलाफ कई प्रांतों में मुकदमा दर्ज है।
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