नगर पालिका परिषद् आज़मगढ़ का मामला, जनप्रतिनिधि के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति
आजमगढ़ नगर पालिका में शहर की सफाई के नाम पर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में 60 लाख का घोटाला सामने आने पर जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने पूर्व इओ के निलंबन और कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी का अनुबंध निरस्त करने की संस्तुति की है। वहीं इस खेल में नगर पालिका के जनप्रतिनिधि के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर शासन को रिपोर्ट भेजी है। आजमगढ़ नगर पालिका में कुल 25 वार्ड हैं। सफाई कर्मचारियों की कमी के चलते शहर का आधे हस्सिे में पहले से ही ठेकेदार के अधीन सफाई होती रही है। छह माह पूर्व शासन की नई व्यवस्था के तहत शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने के लिए ग्वालियर की एक एजेंसी नामित की गई। एजेंसी को शहर के 17 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने की जम्मिेदारी दी गई थी। इसके लिए कंपनी को कूड़ा गाड़ी, ट्रैक्टर आदि खुद के संसाधनों का प्रयोग करना था। खुद का संसाधन न लगा कर कंपनी ने अपने स्तर से 70 कर्मचारियों को रखा था। प्रत्येक घर से हर माह 40 रुपये और होटलों से पांच सौ रुपये सेवा शुल्क वसूल करना था। सेवा शुल्क में वसूले गए धन से ही कंपनी को भुगतान किया जाना था। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में शासन की ओर से नर्धिारित नीतियों की अनदेखी कर आजमगढ़ नगर पालिका ने कंपनी को ठेका दे दिया था। कंपनी को अपने संसाधनों का प्रयोग न कर नगर पालिका के संसाधनों का प्रयोग करती रही। घर-घर से सेवा शुल्क के रूप में वसूले गए धन से ही कंपनी को भुगतान होना था। मगर आजमगढ़ नगर पालिका के अपने बजट से ही कंपनी को भुगतान कर दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि भारी अनियमितता पाए जाने पर कंपनी का अनुबंध निरस्त करते हुए तत्कालीन ईओ विरेंद्र श्रीवास्तव के निलंबन और नगर पालिका के जनप्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर शासन को पत्र भेजा गया है। नगर पालिका के ईओ डा.शोभनाथ ने बताया कि नगर पालिका ने छह माह में कंपनी को लगभग साठ लाख का भुगतान किया था। मामले में जांच की वजह से एक माह से कंपनी से कूड़ा उठाने का काम नहीं लिया जा रहा है। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी खुद शहर का कूड़ा उठा रहे हैं।
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