स्वास्थ्य शिक्षा, बालिका सुरक्षा, यातायात जागरूकता, शुल्क विनियमन अधिनियम-2018 के सम्बन्ध में बैठक हुई
आजमगढ़ 06 जुलाई-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड के प्रबन्धकगण/ प्रधानाचार्यगण के साथ स्वास्थ्य शिक्षा, बालिका सुरक्षा, यातायात जागरूकता, शुल्क विनियमन अधिनियम-2018 के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड के प्रधानाचार्याें से कहा कि अपने संबंधित स्कूलों के कक्षावार फीस स्ट्रक्चर को अपने वेबसाइट पर अपलोड करें। इसी के साथ ही उन्होने बालिका सुरक्षा के संबंध में कहा कि प्रत्येक स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा हेतु वूमेन सेल स्थापित होना चाहिए, जिन विद्यालयों में वूमेन सेल स्थापित हैं, वो सक्रिय रहें। उन्होने कहा कि वूमेन सेल में जो शिकायतें प्राप्त होती है, उसका उच्च प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें तथा वूमेन सेल के अन्तर्गत प्राप्त शिकायतों की रिपोर्ट प्रति वर्ष जिलाधिकारी के पास भेजने का प्रावधान है, उसे भी लागू करें। छात्राओं के स्वयं की सुरक्षा के लिए मार्सल आर्ट का प्रशिक्षण दिलवायें, जिससे छात्रायें अपनी सुरक्षा स्वयं कर सके। उन्होने सीबीएसई एवं आईसीएसई के प्रबन्धक/प्रधानाचार्याें से कहा कि गरीब बच्चों के जो प्रवेश का कोटा है, उसके तहत अपने विद्यालयों में गरीब बच्चों को एडमिशन में वरीयता दें। उन्होने यह भी कहा कि जो सुविधायें विद्यालय में हम बच्चों को दे रहे हैं, उसी के अनुसार बच्चों से फीस लें तथा बच्चों को सुविधायें गुणवत्तायुक्त दें। जिलाधिकारी ने सीबीएसई एवं आईसीएसई के प्रबन्धक/प्रधानाचार्याें से कहा कि अपने विद्यालयों के बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए पर्यावरण, जल संरक्षण, यातायात जागरूकता, स्वच्छता, संचारी रोग नियंत्रण, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि करायें तथा समय-समय पर बच्चों की काउन्सिलिंग भी करायें। जिलाधिकरी ने सीबीएसई एवं आईसीएसई के प्रबन्धक/प्रधानाचार्याें से कहा कि 12 वर्ष तक के बच्चों में अवचेतन मन का तेजी से विकास होता है तथा उनमें किसी चीज को सीखने की क्षमता ज्यादा होती है, इसलिए 12 वर्ष तक बच्चों को अच्छे से अच्छा संस्कार दें, जिससे आगे चलकर बच्चे समाज तथा देश का नाम रोशन कर सकें। उन्होने सीबीएसई एवं आईसीएसई के प्रबन्धक/प्रधानाचार्याें से कहा कि स्कूलों में बच्चों को ले जाने तथा ले आने वाले वाहनों में नियुक्त किये गये ड्राइवर तथा खलासी का लाइसेंस होना चाहिए तथा उनका पुलिस वेरीफिकेशन भी करा लें। वाहनों में सीट के अनुसार ही बच्चों को बैठायें, सीट से ज्यादा बच्चों को बैठाकर न ले जायें, वाहनों की जो साइज अनुमन्य है, उसके अनुसार ही वाहनों को विद्यालय में रखें। वाहनों के संबंध में जो सेवा शर्तें हैं, उसका अनुपालन करना सुनिश्चित करें, इसके भी ध्यान रखें कि नाबालिग बच्चे स्कूलों में दो पहिया वाहन से न आयें। यदि जो बच्चे बालिग हैं तथा उनकी उम्र 18 वर्ष से ऊपर है और वो दो पहिया वाहन से स्कूल आते हैं तो वे हेल्मेट लगाकर आयें तथा दो पहिया वाहनों पर किसी भी दशा में दो से अधिक छात्र न बैठें। इस अवसर पर एएसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक डाॅ0 वीके शर्मा, बीएसए देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 जितेन्द्र प्रताप सिंह सहित सीबीएसई एवं आईसीएसई के प्रबन्धक/प्रधानाचार्यगण उपस्थित रहे।
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