श्रीमद् भागवत पुराण कथा कहने वाले से ज्यादा सुनने वाले श्रोता को प्रखर होना चाहिए
आजमगढ़ । बाबा भवरनाथ मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत पुराण कथा के पांचवें दिन संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि कथा किस स्थान पर सुनी जा रही है इसका बहुत बड़ा महत्व होता है कथा अगर घर पर सुनी जा रही हैं तो उसका अलग महत्व होता है कथा अगर मंदिर में सुनी जा रही हो तो उसका अलग महत्व होता हैं कथा अगर गंगा,यमुना तथा सरयू मैया के तट पर सुनी जा रही है तो उसका बहुत बड़ा महत्व होता है। कथा सदा आपको सही रास्ता दिखाती है कथा कहने वाले से ज्यादा सुनने वाले श्रोता को प्रखर होना चाहिए । उन्होंने कहा कि अगर हम किसी तीर्थ स्थल पर जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है सर्वप्रथम वहां मां गंगा मैया,यमुना मां या मां सरयू हो तो उसमें स्नान अवश्य करना चाहिए साथ ही हम सभी को अपने घरों में गंगा जल अवश्य रखना चाहिए और जहां जिस घर मे मां गंगा होती है वहां इश्वर का वास होना स्वाभाविक है । उन्होंने कहा कि जब बच्चे बडे़ होने लगे तो माता पिता को मर्यादा में रह कार्य करना चाहिए। क्योंकि आपके द्वारा किए गए क्रियाकलापों का प्रभाव बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ता है । कथा के अंत में उन्होंने कहा कि एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होते हैं विकास की दौड़ में पेड़ पौधे व जंगलों का तेजी से विनाश हो रहा है यह ठीक नहीं है क्योंकि पेड़ पौधे हैं तभी हमारा जीवन है इसलिए आप सभी से निवेदन है कि हर व्यक्ति घर में आस पड़ोस में या जहां भी उसे अस्थान मिले पौधे अवश्य लगाये
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