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अखिलेश के कार्यक्रम निरस्त,आरोपों पर जिलाधिकारी ने खोली सपा जिलाध्यक्ष की पोल


सपा जिलाध्यक्ष ने लगाए थे प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप जबकि सपा मुखिया के निजी सचिव ने खुद डीएम को पत्र लिख कार्यक्रम निरस्त करने का निवेदन किया था 


कल देर शाम को अचानक समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष की एक प्रेस विज्ञप्ति ने हलचल मचा दिया था जिसमें उन्होंने प्रशासन और भाजपा द्वारा उनके प्रत्याशी खिलाफ मंशा आरोप लगाया गया था। विज्ञप्ति में जिलाध्यक्ष ने कहा था की हार की हताशा में सत्ता के दबाव में निर्वाचन से जुड़ी संस्थाओं, खासतौर से जिला प्रशासन तकनीकी दृष्टि से चुनाव को रद्द करने का बहाना ढूंढ रहा है। इसीलिए प्रचार समाप्त होने में दो दिन शेष रहते चुनाव मद में होने वाले खर्च की पूर्व निर्धारित दरों को संशोधित कर दिया गया है। इस लिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आजमगढ़ में प्रस्तावित अखिलेश यादव की चारों सभाएं निरस्त कर दी गईं। सपा जिलाध्यक्ष की भाषा में सत्ता और प्रशासन की दुरभि संधि की आशंका के चलते 10 मई को सपा अध्यक्ष व लोकसभा प्रत्याशी अखिलेश यादव के आजमगढ़ में प्रस्तावित जनसभाओं को निरस्त कर दिया गया है। 

जहां एक तरफ सपा के जिलाध्यक्ष निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आरोप का खंडन करते हुए ऐसा दांव चला की आरोप लगाने वाले लोग निरुत्तर हो गए। डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से अखिलेश यादव की कोई सभा रद्द नहीं की गई है. चुनाव आयोग की ओर से खर्चे पर निगरानी रखने वाले व्यय पर्यवेक्षक की ओर से सभी पार्टियों को नोटिस भेजा गया है. इसके बाद ही समाजवादी पार्टी ने अखिलेश की सभाएं खुद रद्द कर दीं हैं जिसके लिए श्री अखिलेश यादव के निजी सचिव और प्रबंधक ने पत्र लिख कर 10 मई की सभी जनसभाएं निरस्त घोषित करने की घोषणा की अपील की गई थी। इसका लेटर भी वायरल हो गया है पर निराश कार्यकर्ता सपा जिलाध्यक्ष के जारी हुए पत्र को लेकर प्रचार कर रहे हैं। 


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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