बाल-विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 100000/ रू0 का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है- जिला प्रोबेशन अधिकारी
आजमगढ़ 26 अप्रैल-- जिला प्रोबेशन अधिकारी बीएल यादव ने बताया है कि समाज के कुछ लोगों द्वारा लड़के और लड़की का विवाह निर्धारित आयु क्रमशः 21 वर्ष एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। प्रायः इस प्रकार के विवाह अक्षय तृतीया के अवसर पर होते हैं, जबकि इस सम्बन्ध में बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत बाल-विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 100000/ रू0 का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 7 मई 2019 को है।उन्होने सभ्य जनों से अनुरोध किया है कि बाल-विवाह को हतोत्साहित करें तथा बाल-विवाह की किसी भी घटना के सम्बन्ध में सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय, 181, महिला हेल्प लाइन एवं अपने नजदीकी थाने पर दें।
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