अब तक गेहूं की प्रति बाली में अधिकतम 60 दाने होते थे यह पहला बीज है जिसमे 125--130 दाने है
आज़मगढ़ 15 अप्रैल । आजमगढ़ जिले के तहबरपुर ब्लाक के माहवार गावँ में आज दफ्तरी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड व कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा फार्म आजमगढ़ के तत्त्वाधान में किसानों को नई जानकारी देने के लिए किसान परिचर्चा का आयोजन हुआ । जिसमें नई नई प्रजाति के बीजों पर अधिक से अधिक इस्तेमाल पर जोर दिया गया । तथा कम लागत में ज्यादा पैदावार हो इस पर चर्चा की गई इस चर्चा में गांव के किसान के खेत को एक प्रयोगशाला का स्थान बताया गया जहां पर किसानों को इस बात पर जोर दिया गया कि वह प्रतिवर्ष होने वाली पैदावार की आपस में आकलन जरूर करें । कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के प्रभारी मुख्य अतिथि डॉक्टर आरके सिंह ने कहा कि किसान की आधी खेती में बीज की सबसे अहम भूमिका है ।गेहूं के बीज दफ्तरी की विभिन्न प्रजातियां का महुआर गांव में पैदावार को देख कर कहा कि यदि इस तरह के बीजों का प्रयोग किसान अपने खेतों में करें, तो कम लागत में अधिक पैदावार का लाभ पा सकेगा ।श्री सिंह खुद खेत मे गए और इस नई प्रजाति के गेहूं को देखा और आश्चर्य जताया कि वास्तव में गेहूं की फसल अच्छी है । श्री सिंह ने कहा कि इस पैदावार के दौरान तीन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है एक तो खेतों की उर्वरा शक्ति को बनाए रखना ,पानी की बर्बादी को रोकना ,तथा खाद के कम से कम प्रयोग में अधिक पैदावार पर जोर देना यदि इन तीन चीजो पर दफ्तरी बीज कारगर होगा तो किसान को अच्छा लाभ मिलेगा ।उन्होंने कहा कि अबतक गेहूं की प्रति बाली में अधिकतम 60 दाने होते थे यह पहला बीज है जिसमे 125--130 दाने है जो निश्चित ही किसानों को दोगुना लाभ देने में सक्षम है । ऐसे में किसान को उसकी लागत मूल्य से ज्यादा मुनाफा पा सकेगा ।इस अवसर पर महाराष्ट्र बर्धा जिले से आये क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद एन अर्दे ने विस्तार से इसकी उपयोगिता पर चर्चा की और किसान को लाभ पहुंचाने पर जोर दिया ।इस मौके पर दफ्तरी बीज के उत्पादन से लाभान्वित किसान लालचन्द मौर्या को सम्मानित किया गया ।लालचन्द मौर्य ने भी इसकी गुणवत्ता के बारे में अपने निजी अनुभव को उपस्थित किसानों को शेयर किया ।इस अवसर पर शकील अहमद,बाबू अहमद,रामचंद्र रामाश्रय,सहित कई लोग उपस्थित थे ।
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