अभिभावकों का मामला है तो सरकार इस पर कड़ाई क्यों नहीं कर पा रही ? - गोविन्द दूबे
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि व अन्य मदों में अनावश्यक वसूली को लेकर एक बैठक बुधवार को कॉल पांडे स्थित महासंघ कार्यालय पर आहूत हुई। बैठक में निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने रूप से अभिभावकों के आर्थिक शोषण को लेकर चर्चा हुई और इसे तत्काल प्रभाव से न रोके जाने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी गई। अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष युधिष्ठिर दुबे ने कहा कि जनपद के समस्त निजी विद्यालय उत्तर प्रदेश प्राइवेट फीस नियामक अधिनियम 2018 की धज्जियां उड़ा रहे हैं। निजी विद्यालयों के प्रबंधकों द्वारा और अप्रत्यक्ष तरीके से फीस वसूली जा रही है, विद्यालय बंद होने की दशा में बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहनों से जबरन पैसा लिया जा रहा है,जो कि प्राइवेट विद्यालयों के मनमाने ढंग से अभिभावकों की जेब पर डाका डालना हुआ। महासंघ के सचिव गोविंद दुबे ने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों में मनमाने ढंग से प्रबंधन द्वारा फीस वृद्धि करना कहीं से भी उचित नहीं है उत्तर प्रदेश प्राइवेट फीस नियामक अधिनियम 2018 को शिक्षा विभाग कड़ाई से पालन नहीं करा पा रहा है। इसकी वजह से प्राइवेट विद्यालयों पर कोई लगाम नहीं लग पा रहा है, जबकि इसके लिए अभिभावक आवाज उठा रहे हैं लेकिन उनकी आवाज को अनसुना कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक एनसीईआरटी की किताबें पूर्ण रूप से लागू नहीं हुई इसका सीधा-सीधा बोझ अभिभावकों पर पड़ रहा है । अब तक सरकार ने जो नियम चाहा उसे कड़ाई से पालन करवाया लेकिन अब जबकि करोड़ों अभिभावकों का मामला है तो सरकार इस पर कड़ाई क्यों नहीं कर पा रही ? उन्होंने कहा कि अगर अभिभावकों की आवाज को अनसुना किया गया तो इसके लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दिया कि यदि तत्काल सरकार द्वारा इस पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग शासन प्रशासन की होगी । इस मौके पर राकेश मौर्य, चंदन सिंह ,चंद्रधर द्विवेदी, भानु प्रताप सिंह, दीनू उपाध्याय, डिंपू सिंह, राजू सोनकर, विनय सिंह,अजय राय, मोहम्मद अफजल, जुबेर आजमी, जितेंद्र सिंह, अमित सिंह विकी, बजरंग सिंह आदि लोग मौजूद थे।
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