जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का अब एक और बंटवारा होगा
आजमगढ़ : जनपद में विश्विद्यालय की स्थापना के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर महामहिम राज्यपाल की मुहर लगते ही अब आगामी समीकरणों पर गुणा गणित शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में कार्यरत जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का अब एक और बंटवारा होगा। जनपद आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय खुलने की अंतिम मुहर लगने से आने वाले समय में अब आजमगढ़ और मऊ के कॉलेज पूर्वांचल विश्विद्यालय का हिस्सा नहीं रहेंगे। गौरतलब है की इन दोनों जनपदों में 374 कॉलेज हैं। सरकार के इस कदम के बाद मऊ जिले के कालेजों के जननायक चंद्रशेखर वि वि बलिया में जाने की अटकलों पर भी विराम लग गया है। जानकारी के अनुसार पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना 1987 में हुई थी। शुरुआती दौर में गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़े 12 जनपदों के 68 कॉलेजों को पीयू से जोड़ा गया था। इसमें आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, कौशाम्बी, इलाहाबाद और सोनभद्र जिले के कॉलेज जुड़े। बाद में कौशाम्बी और इलाहाबाद के कॉलजों को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से राज्य सरकार ने सम्बद्ध कर दिया। फिर न्यायालय के आदेश से इलाहाबाद का हड़िया पीजी कॉलेज पीयू जुड़ा रहा। एक जुलाई 2009 से काशी विद्यापीठ से बलिया, वाराणसी, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र जिले के कॉलेज जुड़ गए और पूर्वांचल विश्वविद्यालय का कार्य क्षेत्र चार जनपदों तक सीमित हो गया। वर्तमान में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कुल 864 कॉलेज हैं जिनमे मऊ जनपद में 02 राजकीय, 04 अनुदानित, 140 स्ववित्तपोषित मिला कर कुल 146 कॉलेज हैं। वहीँ आजमगढ़ में 02 राजकीय, 10 अनुदानित, 216 स्ववित्तपोषित कुल 228 कॉलेज हैं। अब आने वाले दिनों में यह सभी आजमगढ़ के विश्विद्यालय से सम्बद्ध हो जाएंगे। सूत्र बताते हैं की आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय अगर नए सत्र से काम करना शुरू कर दे फिर भी पीयू से इन जनपदों का नाता अगले 2 साल तक नहीं टूटेगा। नए विश्वविद्यालय से प्रथम वर्ष के छात्र जुड़ेंगे जबकि द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थी पीयू से ही जुड़े रहेंगे।
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