डॉ लोहिया ने कहा था जोर, जुल्म के खिलाफ हमेंशा संघर्ष का रास्ता चुनना चाहिए -हवलदार यादव,सपा जिलाध्यक्ष
आजमगढ़: समाजवादी विचारक एंव चिंतक, स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता रहे डा0 राम मनोहर लोहिया की जयन्ती व साम्यवादी विचारधारा के पोषक शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव, व राजगुरू का शहादत दिवस समाजवादी पार्टी कार्यालय पर महापुरूषों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया। इस सम्बन्ध में आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष हवलदार यादव व संचालन महासचिव हरिप्रसाद दूबे ने किया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि डा0 लोहिया महात्मा गाॅधी के विचारों पर चलकर देश में समाजवादी राज की स्थापना चाहते थे। जिसमें अमीर, गरीब के बीच की खाई दूर करने, छूत-अछूत, नर-नारी की असमानता व विश्व बन्धुत्व के सिद्धान्त को लेकर देश में जन आन्दोलन चलाने का काम किया था। उनके नेतृत्व में देश के कई प्रान्तों में समाजवादी की कई सरकारें बनीं। डा0 लोहिया कहते थे ’’जहाॅ दब्बू होते हैं-वहाॅ जालिम पनपते हैं’’ इस कारण उन्होंने कहा जोर, जुल्म के खिलाफ हमेंशा संघर्ष का रास्ता चुनना चाहिए। उन्होंने देश में किसी भी प्रकार की नफरत पैदा करने वालों के विरूद्ध एकजूट होने का आह्वान किया था। डा0लोहिया के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। जब देश में साम्प्रदायिक व फासिस्टवादी ताकतें देश की एकता, अखण्डता व देश के भाईचारा को छिन्न-भिन्न कर देश की अर्थव्यवस्था पूॅजिपतियों के हवाले करने पर आमादा है। श्री यादव ने कहा कि शहीदे आज़म भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की शहादत ने देश के नौजवानों में आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। भगत सिंह चाहते थे कि मेरे बलिदान के बाद प्रेरित नौजवान खड़ा हो जायेगा तो देश को आजाद होने से कोई रोक नहीं पायेगा। देश में समतामूलक समाज के स्थापना के सपने को लेकर हसते-हसते फाॅसी पर झूले थे। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता देवनाथ साहू ने कहा कि डा0लोहिया जी पिछड़ों के अधिकारों को लेकर संघर्ष किया उन्होंने नारा दिया था ’’सोशलिस्टों ने बाॅधी गाॅठ-पिछड़े पावें सौ में साठ’’ महिला जिलाध्यक्ष बबिता चैहान ने कहा कि डा0लोहिया नर-नारी की असमानता को खत्म करना चाहते थे वह कहते थे कि जब तक 50 फीसदी आबादी के लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक सभ्य समाज की स्थापना नहीं होगी। छात्र नेता व पी0जी0कोलज कोयलसा के पूर्व अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि डा0लोहिया छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के पक्षधर थे। उन्होंने कहा था ’’बेरोजगारों को काम दो-नहीं तो बेरोजगारी भत्ता दो।’’ बैठक में रामआसरे चैहान, दुर्गविजय राम, सूरज राजभर, शिवसागर यादव, रामप्रवेश यादव, राजाराम सोनकर, जगदीश प्रसाद, रामअधार राजभर, कमलेश कवि, राजबहादुर यादव, पप्पू यादव, लिल्ली मौर्य, वेदप्रकाश यादव, अश्वनी कुमार, ज्ञान्ति, गुड्डन, अनीता आदि मौजूद थे।
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