एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 'तंबाकू जानलेवा है' में सीएमओं ने संगोष्ठी में डाला प्रकाश
आजमगढ। नशा करने वाला व्यक्ति अपने साथ ही साथ खुद के परिवार को भी भविष्य के अंधेरों में ढकेल देता है। उसके नशे की लत् से ना सिर्फ उसके स्वास्थ की हानि होती है बल्कि उसका पूरा परिवार गंभीर आर्थिक एवं सामाजिक संकटों से गुजरने लगता है। इसके विभिषिका का अंदाजा आप यूँ लगा सकते हैं कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रतिदिन इसके सेवन से मरने वालों की संख्या लगभग ढाई हजार से ज्यादा है जो प्रतिवर्ष के हिसाब से यदि देखा जाए तो नौ लाख से ऊपर हो जाती है। समाज का उक्त भयावह चित्रण डा.एके मिश्रा सीएमओ ने अपने कार्यालय स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर तंबाकू जानलेवा है,के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दी,उन्होंने इस बात पर गहरी चिंता प्रकट की कि आज का युवा जो हमारी सबसे बड़ी ताकत है वो बहुत तेजी से तंबाकू की लत् में जकड़ता जा रहा है। हमारी कोशिश उसको सतत् समझाने की होनी चाहिए ना कि सिर्फ एक या दो-चार बार बता देने भर की,मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि तंबाकू सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके चपेट में आने से ना सिर्फ दुनियां की सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं बल्कि हृदय रोग टीबी,लकवा,दृष्टिविहीनता इत्यादि रोगों का आक्रमण भी तेजी से शरीर पर फैलने लगता है।प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपर सीएमओ डॉ.परवेज ने संबोधित करते हुए जानकारी दी कि यदि धुम्रपान करने वाला व्यक्ति इसे 20 मिनट ना करे तो उसके हृदय की गति सामान्य हो जायेगी उसके शरीर से निकलने वाली कार्बन मोनोआक्साइड गैस चैबीस घंटे बाद शरीर से बाहर निकल जायेगी इसके साथ ही 72 घंटे बाद सांस लेना भी आसान हो जायेगा एवं साथ ही साथ दो से चार हफ्ते बाद रक्त संचार में भी सुधार आ जाता है। उन्होंने कहा शोध में ये पाया गया है कि धुम्रपान छोड़ने वाले व्यक्ति कि हृदय से संबंधित खतरे का जोखिम आधा हो जाता है।उपमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ ए के सिंह एवं प्रचार प्रसार से जुड़े विषय पर मनीष तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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