आज़मगढ़ : जनपद में राज्य आवासीय विश्वविद्यालय की मांग को लेकर चल रहे अनिश्चिकालीन क्रमिक अनशन केबिनेट प्रस्ताव की प्रत्याशा में आज 62 वें दिन भी जारी रहा। विधान सभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने संबोधन में कहा था कि हम लोगों ने सहारनपुर के साथ-साथ आज़मगढ़ में भी राज्य विश्वविद्यालय देने का निर्णय लिया है। इससे जनपदवासियों में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी थी किन्तु पिछले 40 सालों से विश्वविद्यालय के मुद्दे पर बयानबाजियों से धोखा खाये जनपद वासियों ने इस घोषणा को लिखित स्वरूप मिलने तक अनशन जारी रखने का निर्णय लिया। उक्त घोषणा के 16 दिन बाद भी विश्वविद्यालय के लिये केबिनेट प्रस्ताव नहीं से अनशनकारी सशंकित हैं। शिक्षक नेता डॉ0प्रवेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी पर अनशनकारियों को पूरा विश्वास है इसलिए सरकार को कैबिनेट में विश्वविद्यालय के मुद्दे को लाकर इस ठोस स्वरूप देना चाहिए। नागरिक एकता पार्टी के जिलाध्यक्ष अरविंद पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर हम विश्वास करते हैं किंतु केबिनेट प्रस्ताव लाकर विपक्षियों का मुंह बंद कर देना चाहिये। अनशन प्रभारी राकेश गांधी ने कहा कि केबिनेट प्रस्ताव लाकर संशय का माहौल समाप्त करे सरकार। शिव बोधन उपाध्याय ने कहा कि केबिनेट प्रस्ताव आने से विपक्षियों को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि यह मात्र एक चुनावी जुमला है। इस अवसर पर नजीर अहमद मंसूरी, रूदल सोनकर, प्रमोद सोनकर, रामलगन विश्वकर्मा, रमेश मौर्य, गुलाब राय, दुर्गेश पाण्डेय, पप्पू खान, केशव प्रसाद यादव, दिलीप सोनी, रविन्द्र नाथ यादव, डॉ0सुजीत भूषण, बालमुकुंद सिंह, बादल सिंह, आशुतोष दुबे, अभिषेक यादव, शिव प्रसाद राय आदि उपस्थित रहे।
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