आज़मगढ़ : अहरौला ब्लॉक के खजुरी ग्राम में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता विद्वान् देवीप्रसाद मिश्र एवं संचालन व्यंग्यकार डॉ. बजरंग श्री सहाय "रवि" ने किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत राज अधिकारी आनन्द श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया ततपश्चात गोरखपुर से पधारी कवयित्री डॉ सत्यमवदा 'सत्यम' की वाणी वन्दना से हुआ । गीतकार हरिराम मिश्र ने फागुनी गीत 'बंसुरी फूके बसवरिया फागुन दिन में /बहे फागुनी बयरिया फागुन दिन में' से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । सुनील गुलज़ार ने 'हर बल से बचा के रखती है मेरे माँ बाप की दुआ मुझको' सुनाया। कुशीनगर के हास्य कवि अवध किशोर अवधू ने जहां लोगों को लोटपोट कर दिया। वहीं गीतकार आनन्द श्रीवास्तव ने 'सच कहो क्या तुम्हें हम याद नहीं आते हैं हम तो ख़्वाबों में भी बस गीत तेरा गाते हैं' गीत सुनाकर लोगों को प्रेम रस में सराबोर कर दिया। बलिया से पधारे भोजपुरी गीतकार बृजमोहन अनारी ने माटी की बोली में अनेक गीत सुनाए। शायर मयकश आज़मी ने कौमी एकता के शेर सुनाए । संयोजक अंकुर सहाय 'अंकुर' ने 'राग द्वेष छल छदम भरे हैं उनकी बड़ी हवेली में मेरी कुटिया ताजमहल हो बस तेरा जो प्यार मिले' सुनाया । आर्य हरीश कोशलपुरी ने सुनाया 'हर तरफ ढूंढती फिर रही है नज़र, फूल हाथों में लेकर तुम्हारे लिए'। भालचंद त्रिपाठी ने 'परो को बांधो न, तुम उसकी यूँ उड़ान न लो , किसी ग़रीब परिंदे का आसमान न लो' सुनाया। हंसमुख आर्यावर्ती ने कवियों का दोहात्मक परिचय कराते हुए अनेक शेर पढ़े । संचालक रवि आज़मी ने 'मेहदी वाले हाथों के जो दीवारों पर छाप गये , उम्र बढा दी बूढ़े घर की दूर सभी सन्ताप गये' सुनाया । मज़ाहिया शायर हलचल टांडवी, मुकद्दर किछौछवी ,देवमणि अंगार,अरविन्द पथिक सहित अनेक कवि शायरों ने लोगों को काव्य रसपान कराया। इस अवसर पर जिला पंचायतराज अधिकारी आनन्द श्रीवास्तव का नागरिक सम्मान भी किया गया। अंत में अंकुर सहाय अंकुर ने लोगो का हार्दिक आभार प्रकट किया । भोर पर्यन्त चले कार्यक्रम में राजेश कुमार,सौरभ ,मुन्नालाल सहित काफी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे ।
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