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आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह को मिला 'बेस्ट इन्वेस्टीगेशन' मेडल

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के 08 पुलिस अधिकारियों को माना बेहतरीन विवेचक 

2015 में बागपत जिले में हुए ब्लाइंड मर्डर केस को अथक प्रयास से किया था हल 

आजमगढ़: अपनी कार्यकुशलता से बेहतरीन विवेचना के जरिए घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को जेल पहुंचाने वाले प्रदेश पुलिस विभाग के 08 एसपी, सीओ, कोतवाल और दरोगा को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मेडल देने की घोषणा की है। इस घोषणा में आजमगढ़ के एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह का भी नाम शामिल है। एसपी ग्रामीण को बागपत में हुई घटना का खुलासा करने के लिए चयनित किया गया है। 2015 में नरेंद्र प्रताप सिंह बागपत जिले में सीओ के पद पर तैनात थे। आठ वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म कर गड़ासे से उसकी लाश काटकर बोरे में भरकर फेंक दी गई थी। अथक प्रयास के बाद पुलिस लाश की पहचान कर पाई थी। हत्या में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। घटना के खुलासे में पुलिस को कई प्रकार की वैज्ञानिक विधियों का सहारा लेना पड़ा था। डीएनए से लेकर अन्य तरह की जांच भी करवानी पड़ी थी। इस घटना की बेहतरीन विवेचना के लिए इनका नाम इस मेडल के लिए चयनित किया गया है।
मूल रूप से प्रदेश के बस्ती जिले के निवासी 1997 कैडर के पीपीएस अधिकारी है। वह मई 2017 से आजमगढ़ जनपद में एसपी ग्रामीण के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। यहाँ भी उनके निर्देशन में कई अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया या पकड़ा गया है। शराब माफियाओं के खिलाफ ेंएन पी सिंह की उपलब्धि विशेष रही है। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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