आजमगढ़ 04 जनवरी 2019-- उपायुक्त उद्योग रंजन चतुर्वेदी ने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा परम्परागत कारीगरों के विकास हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत पारम्परिक कारीगरों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची, राजमिस्त्री एवं हस्तशिल्पियों के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जायेगा। उक्त योजना के माध्यम से उपरोक्त क्षेत्र के व्यक्तियों को 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिये जाने का प्राविधान है। प्रशिक्षण पूर्णतः निःशुल्क एवं आवासीय होगा। प्रशिक्षण अवधि में श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर जारी अर्धकुशल श्रमिक के मजदूरी दर के समान दर पर मानदेय प्रदान किया जायेगा। सेवा/व्यवसाय के सफल संचालन हेतु आधुनिकरण तकनीकी पर आधारित उन्नत किस्म के टूलकिट का वितरण कौशल वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरान्त सभी प्रशिक्षार्थियों को किया जायेगा। उन्होने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदक उ0प्र0 का मूल निवासी होना चाहिए, आवेदक की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष हो एवं ऊपरी सीमा का कोई निर्धारण नही है, आवेदक पारम्परिक कारीगरी जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची अथवा दस्तकारी आदि व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए, परिवार का केवल एक सदस्य ही योजनान्तर्गत आवेदन हेतु पात्र होगा, परिवार का आशय पति अथवा पत्नी से है, योजनान्तर्गत पात्रता हेतु जाति एक मात्र आधार नही है, योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु ऐसे व्यक्ति भी पात्र होंगे जो परम्परागत कारीगरी करने वाली जाति से भिन्न हों। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र आजमगढ़ से निर्धारित आवेदन पत्र प्राप्त कर विलम्बतम 09 जनवरी 2019 तक अपने आवेदन सुसंगत अभिलेखों के साथ जमा कर सकते हैं। प्राप्त आवेदन पत्रों का साक्षात्कार 10 जनवरी 2019 को कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र आजमगढ़ से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।
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