आज़मगढ़ 12 जनवरी -- मण्डलायुक्त जगत राज ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) की विकास खण्डवार समीक्षा में मण्डल के कई विकास खण्डों में मानव दिवस सृजन तथा विलम्बित भुगतान की प्रगति अत्यन्त कम मिलने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारण करते हुए इस माह के अन्त तक लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत प्रगति लाने हेतु निर्देशित किया है। मण्डलायुक्त द्वारा गत दिवस की गयी समीक्षा में पाया गया कि इस योजना में माह जनवरी तक के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष जनपद आज़मगढ़ के विकास खण्ड अहिरौला में मानव दिवस सृजन मात्र 47 प्रतिशत एवं विलम्बित भुगतान 29 प्रतिशत तथा विकास खण्ड पल्हनी में मानव दिवस सृजन 46 प्रतिशत एवं विलम्बित भुगतान 43.12 प्रतिशत है। इसी प्रकार जनपद बलिया के विकास खण्ड बेरुआरबारी में मानव दिवस सृजन 73 प्रतिशत एवं विलम्बित भुगतान 31.68 प्रतिशत है। उन्होंने मनरेगा के तहत मानव दिवस के सृजन की स्थिति की समीक्षा में पाया कि आज़मगढ़ के विकास खण्ड अतरौलिया में लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 46 प्रतिशत, रानी की सराय व बिलरियागंज में 50-50 प्रतिशत, जनपद मऊ के विकास खण्ड बड़रांव में 61 प्रतिशत एवं घोसी में 66 प्रतिशत मानव दिवस का सृजन किया गया है। समीक्षा से स्पष्ट हुआ कि मण्डल के कतिपय विकास खण्डों में जनपद औसत एवं राज्य औसत के मुकाबले विलम्बित भुगतान की भी स्थिति काफी खराब है, जिसमें मुख्य रूप से आज़मगढ़ के विकास खण्ड हरैया में 35.55 प्रतिशत, जहानागंज में 33.21 प्रतिशत, बलिया के विकास खण्ड चिलकहर में 53.53 प्रतिशत, मनियर में 36.33 प्रतिशत एवं विकास खण्ड नगरा में 30.25 प्रतिशत है जो बहुत खराब है। ज्ञातव्य हो कि मनरेगा के अन्तर्गत मानव दिवस सृजन में राज्य औसत 92 प्रतिशत है जबकि जनपद औसत आज़मगढ़ का प्रतिशत 74, बलिया का 97 प्रतिशत एवं मऊ का 74 प्रतिशत है। विलम्बित भुगतान में जहाॅं राज्य औसत 11.04 वहीं आज़मगढ़ का 19.89 प्रतिशत एवं बलिया का 23.53 प्रतिशत है। मण्डलायुक्त जगत राज ने राज्य औसत एवं जनपद औसत के सापेक्ष इन विकास खण्डों में मानव दिवस सृजन एवं विलम्बित भुगतान की मौजूदा स्थिति पर असन्तोष वक्त करते हुए सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया मनरेगा पर अपना व्यक्तिगत ध्यान देकर इसकी दिन प्रतिदिन समीक्षा करते हुए विलम्बित भुगतान को राज्य औसत से कम करें तथा मानव दिसव सृजन हेतु निर्धारित लक्ष्य के शत प्रतिशत पूर्ति इस माह के अन्त तक सुनिश्चित करें। इसके साथ उन्होंने आगाह किया कि यदि इस माह के अन्त तक अपेक्षित सुधार नहीं होता है तो इसे गंभीरता से लिया जायेगा।
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