आजमगढ़ : छत्तीसगढ़ प्रान्त से ईट-भठ्ठे पर काम करने के लिए आये आठ मजदूरों से भठ्ठा मालिक ने पहले तो काम लिया लेकिन महिना बीत जाने के बाद जब मजदूरों ने अपनी मजदूरी मांगी तो भठ्ठा मालिक ने उन्हे बंधक बना लिया। आरोप है की वह उन्हें बंधक बनाकर उनसे महीनो काम लेता रहा। गुरुवार को किसी तहर से ईट-भठ्ठे से भागें 08 मजदूर आजमगढ़ शहर के रोडवेज स्टेशन पहुंचे जहां भठ्ठा मालिक के गुर्गो उन्हे घेर लिया और जबरदस्ती उन्हे ले जाने का प्रयास करने लगे लेकिन स्थानीय नागरिकों की मदद से उन्हे पुलिस के हवाले कर दिया गया, जबकि भठ्ठा मालिक के गुर्गे भाग जाने में कामयाब रहे। जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के देउरपुर गांव में विनोद यादव के ईट-भठ्ठे पर काम करने के लिए छत्तीसगढ़ प्रांत के आठ मजदूर नवम्बर 2018 में अपने चार मासूम बच्चों के साथ पहुंचे। उन्होने एक महिने तक भठ्ठे पर मजदूरी की और जब दिसम्बर अपनी मजदूरी मांगी तो भठ्ठा मालिक ने मजदूरी देने से इनकार कर दिया। इतना ही नही अआरोप है की उसने मजदूरों को मार पीट कर बंधक बना लिया । पीड़ित मजदूरों की मानें तो उनसे प्रतिदिन भठ्ठा मालिक काम लेता था । महिला मजदूरों के साथ भठ्ठे पर छेड़छाड़ भी की जाती थी। इस बीच किसी तहर से बंधक मजदूर गुरूवार की सुबह भठ्ठे से भाग निकले । सभी मजदूर परिवहन निगम की बस में बैठकर नगर में आ रहे थे कि रास्ते में बस में भठ्ठा मालिक के गुर्गे सवार हो गये और वे उन्हे जबरदस्ती बस से नीचे उतारने लगे। जिसका बस में बैठी सवारियों ने विरोध किया। इसी बीच बस आजमगढ़ बस अड्डे पहुंची। जहां बस के चालक और परिचालक ने उन्हे पुलिस चौकी के पास छोड़ दिया। इसी बीच एक बार पुनः भठ्ठा मालिक के गुर्गे पहुंचे और मजदूरों को धमकाने लगे लेकिन इसी बीच चौकी पर तैनात दारोगा भी पंहुच गए जिसके बाद भठ्ठा मालिक के गुर्गे मौके से फरार हो गये। वही श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। मजदूरों ने जितने भी दिन मजदूरी की है उनका पारिश्रमिक दिलाये जाने के साथ सुरक्षित घर तक पहुंचाया जायेगा। पीड़ित श्रमिकों की शिकायत पर मामला दर्ज कर भठ्ठा मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
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