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फैजाबाद : सड़क हादसे में जहानागंज के 04 की मौत,मचा कोहराम,शोक में बंद रहीं दुकानें

आजमगढ़ : फैजाबाद जिले के राम सनेही घाट के पास रविवार की रात को हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। दुर्घटना के समय सभी मृत व्यक्ति परिवार के एक वृद्ध का इलाज कराने के लिए उसे एंबुलेंस से लेकर लखनऊ जा रहे थे। वहीं बीमार वृद्ध की भी सोमवार की सुबह अस्पताल में मौत हो गई। मौत की खबर जब परिजनों को हुई तो उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। घटना से बरहतीर जगदीशपुर व अब्दुल चक गांव में शोक की लहर है। वहीं जहानागंज के रामपुर मोड़ स्थित दुकानें शोक में पूरे दिन बंद रहीं। जहानागंज थाना क्षेत्र के बरहतीर जगदीशपुर गांव निवासी 72 वर्षीय मूलचंद यादव बीमार चल रहे थे। उनके परिवार के लोग रविवार की रात को एंबुलेंस से इलाज के लिए लेकर लखनऊ जा रहे थे। जबकि मूलचंद के पुत्र 42 वर्षीय कमला यादव अपने पट्टीदार के साथ एंबुलेंस के पीछे पीछे स्कार्पियो पर सवार होकर चल रहे थे। फैजाबाद से कुछ दूर आगे राम सनेही घाट के पास स्कार्पियो अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस हादसे में स्कार्पियों सवार कमला यादव के अलावा उनके पट्टीदार व पड़ोसी 65 वर्षीय केदार यादव पुत्र स्व. बलजीत यादव, 48 वर्षीय फिरतू यादव पुत्र स्व. रामबदन यादव ग्राम बरहतीर जगदीशपुर के अलावा जहानागंज थाना क्षेत्र के अब्दुल चक गांव निवासी 38 वर्षीय भोजू यादव पुत्र जगधारी यादव की मौत हो गई। इधर बीमार मूलचंद को रात में ही साथ में मौजूद लोगों ने लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह लगभग आठ बजे उनकी भी मौत हो गई। उक्त लोगों की मौत की खबर जब परिजनों को मिली तो परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उनके परिवार के सभी पुरुष सदस्य के साथ ही नाते रिश्तेदार भी रात में ही फैजाबाद जिले के लिए रवाना हो गए। घर पर महिलाओं के अलावा बच्चे मौजूद हैं। हादसे की खबर से बरहतीर जगदीशपुर व अब्दुल चक गांव में शोक की लहर है। कमला पेशे से थे अध्यापक, अन्य तीनों का अपना व्यवसाय रहा है।
सड़क हादसे में मृत लोगों में कमला यादव पेशे से अध्यापक थे, जबकि अन्य तीनों लोगों का अपना अलग-अलग व्यवसाय है। मृत 42 वर्षीय कमला यादव के पिता 72 वर्षीय मूलंचद काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। इलाज के बाद भी उनके हालत में सुधार नहीं हो रहा था। वे अपने पट्टीदारों के साथ पिता को लेकर लखनऊ इलाज के लिए जा रहे थे। परिजनों को यह उम्मीद नहीं थी कि मूलचंद के साथ में जा रहे लोग भी असामयिक मौत के शिकार हो जाएंगे। मृत कमला यादव जहानागंज कस्बा के समीप स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे। वह चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे। उनके दो पुत्र हैं। पत्नी मंजू देवी पति की मौत से अनजान थी। दूसरे मृत 65 वर्षीय केदार यादव का गांव के पास ही ईट भट्ठा है। उनके पांच पुत्र व एक पुत्री हैं। पत्नी अवसनाती देवी पति की मौत से बेसुध हैं। तीसरे मृत 48 वर्षीय फिरतू यादव तीन भाइयों में सबसे छोटा थे। वे जहानागंज कस्बा के श्रीराम मोड़ के पास कापी किताब की दुकान कर परिवार का खर्च चलाते थे। फिरतू के एक पुत्र व तीन पुत्रियां हैं। पत्नी सुशीला यादव को पति के मौत की जानकारी नहीं है। वह पति के आने की बाट जो रही थी। चौथे मृत 38 वर्षीय भोजू यादव भी परिवार के भरण पोषण के लिए श्रीराम मोड़ पर बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान किए हुए थे। उनके दो पुत्र व एक पुत्री हैं, पत्नी सुशीला देवी का रो रो कर बुरा हाल है। इस घटना से गांव के लोग भी मर्माहत नजर आ रहे थे। असहायों और दुखियों की मदद करते थे केदार
बरहतिर जगदीशपुर ग्राम वासियों के लिए रविवार की रात अपशगुन साबित हुआ। चार लोगों की मौत की खबर से गांव के लोग सहमे हुए हैं। मृत केदार यादव असहाय एवं गरीबों की हर समय मदद करने के लिए तैयार रहते थे। लोगों का कहना है कि क्षेत्र के किसी गरीब के घर शादी हो या कोई दुखद स्थिति हो उसमें बिना किसी से कुछ कहे स्वत: पहुंच कर अपनी क्षमता के अनुसार मदद करते थे। मौत की खबर पाकर उनके दरवाजे पर क्षेत्र की गरीब महिलाएं पहुंची थी जो चीख चीख कर रो रही थी। उनके चीख-पुकार से गांव में मातम छाया हुआ था। कोई किसी को समझाने की स्थिति में नहीं था। हर किसी की आंखों से आंसू निकल रहे थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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