तीनों जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को व्यक्तिगत ध्यान देकर अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिया
आज़मगढ़ 5 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त जगत राज ने मण्डल के जनपदों में प्रधानमन्त्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थियों को तृतीय किस्त कम निर्गत करने तथा बड़ी संख्या में लाभार्थियों की स्वीकृति लम्बित पाये जाने पर असन्तोष व्यक्त करते हुए तीनों जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को व्यक्तिगत ध्यान देकर अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिया है। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 के संशोधित लक्ष्य जनपद आज़मगढ़ में 29748, मऊ में 12693 एवं बलिया में 20588 लाभार्थियों के आवासों को गत 30 नवम्बर तक स्वीकृति दिये जाने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु योजना की वेबसाइट पर अपलोड प्रगति के आधार पर की गयी समीक्षा में पाया गया कि सोमवार तक जनपद आज़मगढ़ में 28906 एवं बलिया में 20262 लाभार्थियों के आवासों की स्वीकृति की गयी है। इन दोनों जनपदों क्रमशः 842 एवं 326 लाभार्थियों की स्वीकृति लम्बित है, जबकि मऊ में लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लाभार्थियों के आवासों की स्वीकृति दी गयी है। मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि कुल संशोधित लक्ष्य में से आज़मगढ़ में वर्ष 2018-19 के निर्धारित भौतिक लक्ष्य 6958 के सापेक्ष 2389 लाभार्थियों को तृतीय किस्त अवमुक्त की गयी है जो मात्र 34.33 प्रतिशत है। इसी प्रकार जनपद बलिया में वर्ष 2018-19 के निर्धारित भौतिक लक्ष्य 4134 के सापेक्ष 1665 लाभार्थियों 40.28 प्रतिशत को तथा मऊ में 1936 के सापेक्ष 1259 लाभार्थियों (65.03 प्रतिशत) को तृतीय किस्त अवमुक्त की गयी है। इस प्रकार इसमें जनपद आज़मगढ़ एवं बलिया की प्रगति अत्यन्त न्यून पाई गयी जबकि मऊ की प्रगति भी शत प्रतिशत नहीं है। उन्होने इस सम्बन्ध में जहाॅ मुख्य विकास अधिकारियों को व्यक्तिगत ध्यान देकर लक्षित आवासों का शत प्रतिशत निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश दिया वहीं जिलाधिकारियों से भी धीमी प्रगति में अपेक्षित सुधार हेतु समुचित कार्यवाही करने की अपेक्षा की है।
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