आजमगढ़: सामाजिक संस्था 'आली' की पदाधारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर पंहुच कर आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की दयनीय स्थिति पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। संस्था ने आरोप लगाया है की कई आंगनवाड़ी केंद्र तो कई वर्ष से बंद हैं तो काफी संख्या में ऐसे भी केंद्र हैं जो कभी-कभी ही खुलते हैं। उन्होंने जून में जिला कार्यक्रम अधिकारी से लिखित शिकायत की थी, इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। कार्रवाई की मांग करते हुए यह शिकायत सोमवार को एक रिपोर्ट के माध्यम से की। एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव (आली) के नेतृत्व 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक 16 दिनी अभियान के अंतर्गत जेंडर हिंसा के खिलाफ समेकित बाल विकास परियोजना के चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्यक्ष रुप से सामाजिक एवं आर्थिक सुधारों पर कार्य किया। निगरानी के दौरान मिर्जापुर ब्लाक के सीधा सुल्तानपुर आंगनबाड़ी केंद्र तीन वर्ष से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नहीं आती हैं, केवल सहायिका आती हैं। सीधा सुल्तानपुर का ही मिनी आंगनबाड़ी केंद्र पांच वर्ष से बंद है जबकि राजापुर, संजरपुर व सरायमीर का कभी-कभी खुलता है। मुहम्मदपुर के मंगरवा, सठियांव का देवली, गजहड़ा, मुबारकपुर एवं बिलरियागंज का नगर पंचायत बिलरियागंज केंद्र कभी-कभी खुलता है। जबकि नगर पंचायत बिलरियागंज का बिलरियागंज तीन वर्ष और सठियांव का चकसिकठी केंद्र लगभग एक वर्ष से बंद है। ज्ञापन सौंपने वालों में महजबानो, सायरा, गिरजा, शांति, तबस्सुम बानो, सतारा, नसरीन, नरगिस, गीता, शबीना, कौसर, महजबी, अफसाना, खुर्शीदा थीं।
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