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06 दिसंबर : हिन्दु संगठनों ने मनाया शौर्य दिवस,निकाला जूलूस


दिवगंत कारसेवकों को दी श्रद्धांजलि ,लिया राम मंदिर निमार्ण का संकल्पआजमगढ़। अयोध्या में विवादित ढाँचे के विध्वंस की बरसी के दिन विश्व हिंदू परिषद द्वारा शौर्य दिवस का आयोजन दीनानाथ सिंह की अध्यक्षता में लालडिग्गी स्थित बड़ा गणेश मंदिर में गोष्ठी के रूप में किया गया। इस दौरान विहिप ने सोमनाथ की तर्ज पर मंदिर निर्माण कराने की मांग दोहरायी। संचालन बजरंग दल के विभाग संयोजक गौरव रघुवंशी ने किया। गोष्ठी के उपरांत कार्यकतार्ओं ने पुरानी कोतवाली तक जय श्रीराम के नारों के साथ पैदल जुलुस निकाला। मुख्य वक्ता विहिप सहप्रांत संगठन मंत्री राजेश ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को हिंदू समाज ने देश में नया इतिहास रचते हुए इसी दिन 464 वर्ष पुराना कलंक का टीका भारत माता के माथे से सर्वदा के लिए मिटा दिया गया। जो हिन्दूओं के शौर्य का प्रतीक बना इसलिए प्रत्येक वर्ष हिंदू समाज उत्सव के रूप में देखता है। सहप्रांत संगठन मंत्री ने आगे बताया कि 1984 में विहिप ने आंदोलन शुरू किया। जिसकी परिणति 06 दिसंबर 1992 को राम जन्म भूमि पर बने जीर्णशीर्ण ढ़ांचे को हिंदू समाज ने हमेशा के लिए विदा कर इस कार्य को शौर्य का प्रतीक बनाते हुए छोटा सा मंदिर बना कर रामलला विराजमान कर दिया गया। जहां आज भी पूजा-अर्चना होती है। उन्होंने कहा की सरकार से मांग करते हैं कि संसद में कानून बनाकर सोमनाथ की तर्ज पर राम मंदिर का भव्य निर्माण कराया जाये। इस अवसर पर राधामोहन गोयल, आलोक राय,पंकज शर्मा,गौरव पांडेय, अरविन्द शंशाक, मिथुन राणा सिंह, अवनीश,प्रणय, सूरज, अंकित, राजू, गौतम,विपिन, भोला ,अंकुर, सोनू, अशोक, अभी निषाद,गोविंद सिंह, अमित,पंकज, राज गौरव सहित भारी संख्या में विहिप सदस्य मौजूद रहे। इसी क्रम में विश्व हिंदू महासंघ ने विवादित ढांचे के विध्वंस दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया। साथ ही शहीद कारसेवकों को श्रद्धा सुमन भी अर्पित किया। कहा आज हम हिन्दुओं को एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। कार्यक्रम में विश्व हिंदू महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण सिंह साधू, जगत नारायन,राम सकल चौहान,रामनिवास सिंह,गजाधर चौबे,भोला सहित लोग मौजूद रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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