सगड़ी : आजमगढ़ : संविधान दिवस के विशेष अवसर पर क्षेत्र के धनछुला स्थित आर.के.एम. कैंपस के विद्यार्थियों द्वारा भारतीय परिप्रेक्ष्य में संविधान की आधुनिक दौर में बदलती भूमिका को लेकर विविध संकल्प के साथ अपने-अपने विचारों के माध्यम से संवैधानिक पहलूओं पर पुख्ता प्रस्तुति दी।कैंपस में आयोजित संविधान दिवस पर संवाद में विद्यार्थियों ने अपने-अपने नजरिये के माध्यम से मौजूदा दौर में तेजी से बदलते दौर पर तीखी प्रतिक्रिया दी। छात्रा मीनाक्षी ने बहुत ही आक्रोशित भाव से सच को उजागर करते हुये अपने उदगार में कहा कि "हमारे संविधान में जो वर्गीकरण किया है वह उचित नहीं नज़र आता है क्योंकि यह स्त्रियों के संदर्भ में कमजोर प्रतीत होता है जबकि देश आधी आबादी के बगैर आगे बढ़ सके यह संभव नहीं है।" जबकि अन्य विद्यार्थियों की टीम ने बेहद संतुलित ढंग से बाबा साहब के अथक प्रयत्न व सूझ-बूझ की सराहना करते हुये अपने प्रतिक्रिया में कहा कि "बाबा साहब ने एक ऐसा संविधान बनाकर हमें दिया जिसकी वजह से हम अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत सामान्य जीवन के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अलहदा तौर-तरीकों के साथ देश का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हैं।" बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में रमेश वशिष्ठ, डाॅ. सतीश, लक्ष्मी जगदिश्वरी और कमलदीप आदि अलग-अलग विभाग के विभागाध्यक्ष व प्रधानाचार्यों ने अपना पक्ष रखा। साथ ही संविधान के बारे और ज्ञान अर्जित करने को बच्चों को प्रोत्साहित किया। इस दौरान ऑनलाइन के माध्यम से चेयरमैन खड़ग बहादुर सिंह ने भी बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने संविधान की स्वतंत्रता, निष्पक्षता, मौलिकता और भौगोलिक परिप्रेक्ष्य पर अधिक बल दिया। संस्था की डायरेक्टर डाॅ. सुनीता ने ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग के तहत कहा की "मुझे भारतीय होने पर गर्व है। हमारे देश का संविधान विशाल है, व्यापक है, तमाम देशों के बेहतर अनुच्छेदों से मिलकर बना है, इसलिए सबसे उम्दा है जिस पर हम सभी को फक्र करना चाहिए। क्योंकि देश की मिट्टी के बाद संविधान ही ऐसा है जिसकी वजह से हम सब अपनी-अपनी आजादी का जश्न अपने तरीके से मनाते हैं बगैर किसी भी तरह के विध्न व बाधा के।"
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