आजमगढ़ : सरायमीर थाना क्षेत्र में नौ वर्ष पूर्व हुए गैर इरादतन हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी पाए जाने पर मां-बेटी व दामाद को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई। इसी के साथ ही कोर्ट ने आरोपितों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उक्त फैसला मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-एक सर्वेश चंद्र पांडेय ने सुनाया।अभियोजन कथन के अनुसार वादी मुकदमा राम विजय यादव ग्राम खानपुर थाना सरायमीर का निवासी व भाना हत्याकांड का वादी मुकदमा है। वादी के गांव के उर्मिला पत्नी हनुमान व उसकी पुत्री संगीता और उसका दामाद सचिन ग्राम करुई थाना दीदारगंज निवासी ने 15 अप्रैल 2009 की सुबह आठ बजे चोरी का आरोप लगाते हुए राम विजय के पुत्र मंगल को लाठी-डंडे से मारने लगे। जब मंगल को बचाने रामविजय की मां भाना देवी पहुंची तो हमलावरों ने भाना देवी को भी लाठी-डंडे से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। गंभीर रूप से घायल भाना देवी की 17 अप्रैल 2009 को इलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने इस मुकदमे की विवेचना पूरी करने के बाद आरोपित उर्मिला, उसकी पुत्री संगीता और दामाद सचिन के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया। सहायक शासकीय अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव ने राम विजय, सरिता, मंगल, डाक्टर अनूप ¨सह, थानाध्यक्ष संजय सिंह , डाक्टर राम किशोर पटेल, इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह व कांस्टेबल महेंद्र यादव को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित उर्मिला, संगीता व सचिन को दोषी पाए जाने पर उन्हें पांच-पांच वर्ष के कारावास के साथ ही दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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