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डीएम व एसपी ने किया स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का उद्घाटन,रक्तदाताओं को किया सम्मानित

जिलाधिकारी ने संचारी रोग पखवाड़ा जन जागरूकता रैली को दिखाई हरी झंडी 

आजमगढ़ 01 अक्टूबर 2018-- जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी द्वारा मण्डलीय जिला चिकित्सालय में संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा, जन जागरूकता रैली तथा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर एवं स्वैच्छिक संस्थाओं, रक्तदाताओं के सम्मान समारोह हेतु रैली का हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इसी के साथ-साथ जिलाधिकारी द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इस शिविर में 62 रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किया गया जिसमें 58 पुरूष तथा 04 महिलायें शामिल हैं। इसी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस 01 अक्टूबर के उपलक्ष्य में मण्डलीय चिकित्सालय आजमगढ़ द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर एवं स्वैच्छिक संस्थाओं, रक्तदाताओं के सम्मान समारोह में जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि तथा बीजेपी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह द्वारा पूर्व में रक्तदान किये गये रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मानित किये गये संस्थाओं में निरंकारी फाउण्डेशन, अमर उजाला फाउण्डेशन, जनता सहयोग इण्टर काॅलेज, भारत रक्षा दल, एचडीएफसी बैंक, नारी शक्ति संस्थान, महिला मण्डल, शिब्ली नेशनल काॅलेज, जागो युवा संस्थान, बैरियर क्लब, रेड क्रास सोसाइटी, रोटरी क्लब, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दु परिषद, न्यू लाइट बिलरियागंज के प्रतिनिधि तथा पुलिस विभाग के आरआई ब्रम्हदेव उपाध्याय शामिल हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि रक्तदान महादान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।
पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि ने कहा कि दो रक्तदान के बीच न्यूनतम समय का अंतर कम से कम 3 महीने होना चाहिए। इसका कारण यह है, सामान्य तौर पर रक्तदान के बाद शरीर में रक्त का पुनर्जन्म करने के लिए रक्त कोशिकाओं को लगभग तीन महीने लग सकते हैं। संख्याओं के अनुसार, आप एक वर्ष में चार बार रक्त दान कर सकते हैं। जब व्यक्ति रक्त दान करता है तो यह सुनिश्चित करें कि उसकी आयु 18 से 65 साल के बीच है और वजन 45 किलो से अधिक है, जो किसी भी व्यक्ति द्वारा रक्त दान करने के लिए महत्वपूर्ण मानदंड है। इसके अलावा अच्छे स्वास्थ्य के साथ आपकी हीमोग्लोबिन सामग्री 12.5 मिलीग्राम से अधिक होनी चाहिए।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि हमारे शरीर में रक्त बनने की क्रिया भी काफी रोचक है। श्वेत रक्त, रक्त कण, लाल रक्तकण प्लाज्मा और प्लेटलेट्स से मिलकर बने रक्त मंे लाल रक्त कण शरीर के हर भाग में आॅक्सिजन पहुंचाने का कार्य करते हैं, श्वेत रक्तकण रोग प्रतिरोधक होते हैं तो प्लेटलेट्स का काम होता है बहते रक्त को रोकना। जब चोट लगने पर खून बहता है तो प्लेटलेट ही उसे बहने से रोकने का काम करते हैं। हर दिन हमारे शरीर के बोन मैरो (अस्थिमज्जा) में रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता रहता है। हर एक व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 60 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है।
इस अवसर पर मण्डलीय जिला चिकित्सालय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डाॅ0 एसकेजी सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 वाईके राय, डाॅ0 संजय, बीजेपी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह, नगरपालिका अध्यक्षा श्रीमती शीला श्रीवास्तव, हरेन्द्र सिंह, संचिता चैहान तथा एनसीसी के छात्र तथा रक्तदाता तथा स्वयं संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। 


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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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