आजमगढ़ : अतरौलिया क्षेत्र में पांच वर्ष पूर्व दर्ज हुए दहेज हत्या के मुकदमे में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपित पति को दोषी पाए जाने पर उसे सात साल की सजा सुनाई। इसी के साथ ही अदालत ने 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपित सास व श्वसुर को दोषमुक्त घोषित कर दिया। उक्त फैसला सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-3 संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया।उक्त मामला अतरौलिया थाना क्षेत्र के एदिलपुर गांव का है। अभियोजन कथन के अनुसार वादी मुकदमा गोपाल पांडेय पुत्र रामसकल पांडेय ग्राम शेखपुर निवासी की बहन रीता का विवाह पांच मई 2007 को संतोष दुबे पुत्र शिवकुमार दुबे निवासी ग्राम एदिलपुर के साथ हुई थी। शादी के बाद दो लाख रुपये की मांग को लेकर ससुराल में रीता का शारीरिक उत्पीड़न किया जाता था। इसी दहेज की मांग को लेकर सात सितंबर 2013 को ससुराल में रीता की जलाकर हत्या कर दी गई। मृत रीता के भाई गोपाल ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए पति संतोष दुबे, सास सावित्री देवी, श्वसुर शिव कुमार दुबे, ननद रामादेवी व नन्दोई राममिलन के विरुद्ध अतरौलिया थाना में दहेज हत्या की धारा के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद पति संतोष दुबे, सास सावित्री व श्वसुर शिवकुमार दुबे के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार यादव ने गोपाल पांडेय ,राम सकल पांडेय, चंद्र प्रकाश पाठक, डा. विनय कुमार ¨सह, हेड मुहर्रिर रामजी सैनी, क्षेत्राधिकारी आतिश कुमार ¨सह को कोर्ट में बतौर गवाह परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने आरोपित पति संतोष कुमार दुबे को सजा सुनाई।
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