आजमगढ़। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.वीके सिंह ने बताया है कि पशुओं में होने वाला रोग खुरपका-मुंहपका रोग एक विषाणुजनित रोग है जो कम समय में एक पशु से दूसरे पशु में फैल सकता है। इस बीमारी से ग्रसित दूधारू पशुओं का उत्पादन प्रभावित होता है। साथ ही साथ कृषि कार्य में भागीदारी कर रहे बैलों में इस बीमारी के कारण कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जिससे कृषि कार्य बाधित हो जाता है। इस बीमारी से पशुओं के मुंह में छाले पड़ जाते हैं जो बाद में घाव के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं जिससे पशु को चारा खाने में काफी परेशानी होती है तथा पशुओं के पैर के खुर वाले भाग में भी छाले पड़ जाने से घाव हो जाता है और चलने फिरने में काफी कठिनाई होती है। उन्होने बताया है कि इस बीमारी के रोकथाम हेतु जनपद में 15 सितम्बर से खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण के अन्तर्गत 45 दिनों तक 62 टीमों द्वारा टीकाकरण का कार्य नि:शुल्क पशुपालकों के द्वार पर किया जायेगा। जनपद में उपलब्ध कुल 929000 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में टीकाकरण कार्य किया जायेगा। उन्होने जनपद के समस्त सम्मानित पशुपालकों से निर्देश दिये हैं कि उपरोक्त बीमारी से बचाव हेतु अपने समस्त पशुओं को टीकाकरण अवश्य करायें एवं टीकाकरण कार्य में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। साथ ही साथ अपने नजदीक के पशु चिकित्साधिकारी से सम्पर्क अवश्य बनाये रखें।
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