सभी कैदियों को अपने मामले में बचाव करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है -सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
आजमगढ़ 15 सितम्बर 2018--जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दीवानी न्यायालय आजमगढ़ श्रीमती नीरजा सिंह के निर्देशन में जिला कारागार, आजमगढ़ में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया एवं जेल का निरीक्षण किया गया। उक्त शिविर में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ रामेन्द्र कुमार द्वारा कारागार में निरूद्ध कैदियों को संबोधित करते हुए बताया गया कि सभी कैदियों को अपने मामले में बचाव करने का अधिकार प्राप्त है। यदि किसी कैदी के पास स्वयं का कोई अधिवक्ता नही है अथवा वह स्वयं अधिवक्ता नियुक्त करने में सक्षम है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तरफ से अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। कैदियों को यह भी बताया गया कि यदि वे जिस अपराध के लिए बन्द हैं, उस अपराध के लिए उपबन्धित सजा में आधी की सजा जेल मे काट चुके हैं, वे जमानत पर छूटने के अधिकारी हैं। इसी प्रकार कैदियों को यह भी बताया गया कि मजिस्ट्रेट न्यायालयों मे विचारणीय मामलों में, जो कि अजमानतीय प्रकार के हैं, यदि विचारण प्रारम्भ होने के 60 दिन के भीतर विचारण पूर्ण नही होता है, तो जमानत प्राप्त करने के अधिकारी हैं। यह भी कहा गया कि कोई भी कैदी अब बिना पैरवी के जेल में निरूद्ध नही रहेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ अधीक्षक अनिल कुमार गौतम व अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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