आजमगढ़। गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के उद्देश्य से जहानागंज ब्लाक के भोपतपुर गांव में ‘पंखी’ योजना के अन्तर्गत महिलाओं को कई गुर सिखाये जा रहे हैं। ताकि वह खुद अपने पैरों पर खड़ा हो सके। उन्हें किसी दुसरे का सहारा न लेना पड़े। महिलाएं भी विभिन्न वस्तुओं को बनाने का हुनर सीखने के लिए पंखी कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आये रेखा स्मृति ट्रस्ट की प्रबंधक जया गौड़ ने कहाकि कुछ मुठ्ठी भर महिलाओं के आत्मनिर्भर होने से पूरी नारी जाति का सशक्तिकरण नहीं हो जाता। वास्तविक परिवर्तन तो तब आएगा जब गांव की महिलाओं के जीवन को नये रूप में परिभाषित किया जाएगा। सही मायने में यही है नारी आर्थिक सशक्तिकरण का उद्देश्य। उनके पास जो भी हुनर है उसी हुनर को वह अपना हथियार बनाकर अपने भविष्य की नींव रखें। यह जरूरी नहीं कि शिक्षित नारी ही केवल आर्थिक निर्भर हो ट्रस्ट की कोशिश है कि सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने बताया कि गांव में महिलाओें को प्रशिक्षित हाथों द्वारा सिलाई, कढ़ाई, बुनाई के साथ अगरबत्ती, मोमबत्ती, अचार, पापड़, बरी, शिरका, क्रोश्यि व गांव में आसानी से मिलने वाले सरपत व पूस से विभिन्न प्रकार का सजावटी चीजें बनाना सिखाया जा रहा है। जब तक गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर नही होंगी तब तक देश का विकास नहीं होगा। इसी उद्देश्य से इन चीजों को कैसे व्यवसायिक तरीके से बनाकर बाजार में बेचें उसके बारे में भी जानकारी दी जा रही है। ‘
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