सातवें वेतन का लागू न करना सौतेला व्यवहार : डा प्रवेष आजमगढ़। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर श्री दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंडेश्वर में महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा प्रवेश की अध्यक्षता में दूसरे दिन मंगलवार को भी शिक्षक काली पट्टी बांधकर धरनारत रहे। धरने का संचालन महामंत्री अजीत प्रताप सिंह ने किया। महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा प्रवेश सिंह ने कहाकि सातवें वेतन को अविलम्ब लागू करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल किये जाने तथा बचे हुए मानदेय शिक्षकों का तत्काल आमेलन किये जाने आदि सहित अपनी लम्बित मांगों को सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है जो दुर्भाग्यपूर्ण जबकि पूरे मामले से संगठन ने शिक्षा मंत्री को भली-भांति अवगत कराया है। सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली सरकार शिक्षकों के प्रति हठी बनी हुई जबकि सातवें वेतन अन्य सभी विभागों में जारी कर दिया गया। शिक्षकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही हैं जो हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। शिक्षकों को कभी भी आंदोलन, प्रदर्शन करना रास नहीं आता है लेकिन सरकार हर बार हमा मांगों को कुचलने का काम करती आयी है। जिसके कारण हमें मुखर होना पड़ता है। शिक्षकों की मांगो के प्रति सरकार सकरात्मक रूख अख्तियार नहीं करती है तो बाध्य होकर हमें अगली रणनीति बनानी होगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी। जिला इकाई के महामंत्री अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षकों को अब प्रदेश नेतृत्व के अगले निर्देश का इंतजार है इसके बाद हम अपनी मांगों को लेकर सड़क पर भी प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। शिक्षकों के प्रति सरकार का यह रवैया बिल्कुल नीति और नियत को कठघरे में खड़ा कर रहा है। पूर्व प्राचार्या मधुबाला राय व डा ईश्वरचन्द्र त्रिपाठी ने भी सरकार के हठवादिता पर रोष जताते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही। धरने को पूर्वांचल विश्वविद्यालय इकाई के सहमंत्री डा राजीव त्रिपाठी व पूर्व प्राचार्य डा फूलचन्द सिंह ने आगे भी शिक्षकों के हित में समर्थन देने की बात दोहरायी। धरने में डा दुर्गावती, डा वीरेन्द्र दुबे, डा राजेश, डा विष्णु, डा मुकुल, डा आरके, डा अशोक, डा कौशल, डा रामजी, डा सुनील, डा सर्वेश, डा हर्ष, डा मौर्य सहित भारी संख्या में शिक्षक साथी मौजूद रहे।
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