आजमगढ़। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के बारीडीह गांव के दलित आशा कार्यकत्री कलावती देवी की हत्या के बाद आशा बहुओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इसका सीधा असर पोलियो कार्यक्रम पर पड़ा है। आशा बहुओं के काम न करने के कारण तमाम गांवों में पोलियो की दवा नहीं पिलाई जा सकी। आशा बहुंए सीएचसी पीएचसी पर पहुंची लेकिन गांव में नहीं गई। अस्पताल पर ही मौन रखकर विरोध किया और 24 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर बुधवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। बता दें कि देवगांव कोतवाली क्षेत्र के बैरीडीह ग्राम निवासी कलावती देवी पत्नी प्रमोद राम स्वास्थ्य विभाग में आशा बहू था। प्रमोद खाड़ी देश रहता है। कलावती शनिवार को दिन में कटौली मोड़ के पास बटाई पर लिए गए खेत में डाली गई धान की नर्सरी उखाड़ने गई और वापस नहीं लौटी। खोजबीन के दौरान उसकी लाश धान की नर्सरी में बरामद हुई। आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया है। रविवार को जब घटना की जानकारी आशा कार्यकत्रियों को हुई तो वे आक्रोशित हो उठी। पहले तो उन्होंने रविवार को पोलिया दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार किया फिर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हंगामा किया। वहीं दूसरी तरफ पुलिस अब तक घटना का खुलासा नहीं कर सकी है जिसके कारण आशा कार्यकत्रियों ने सोमवार को भी काम नहीं किया। पहले दिन पोलियो कार्यक्रम बूथ पर होने के कारण बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन सोमवार को आशा कार्यकत्रियों ने डोर टू डोर कार्यक्रम का भी बहिष्कार कर दिया। वे सुबह अपने क्षेत्र के सीएचसी अथवा पीएचसी पर पहुंची और वहीं मौन धरने पर बैठ गयी जिसके कारण पोलियो कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित रहा। आशा बहू संघ की अध्यक्ष विभा राय ने कहा कि घटना को दो दिन से अधिक समय हो चुका है लेकिन पुलिस अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है। हत्यारे को पकड़ना तो दूर पुलिस उसका सुराग भी नहीं जुटा सकी है। जबतक घटना का खुलासा नहीं होता वे किसी भी हालत में काम नहीं करेंगे। मंगलवार को भी सीएचसी पीएचसी पर विरोध प्रदर्शन जारी जारेगा। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो बुधवार को पूरे जिले की आशा बहुएं जिला मुख्यालय पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करेंगी।
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