आज़मगढ़ 2: गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देव महेश्वरः ,गुरुर्सक्षात परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः की परंपरा को ध्यान में रखकर आर्ट आफ लिविंग आज़मगढ़ इकाई द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को देर शाम में पुरानी कोतवाली स्थित अग्रवाल धर्मशाला पर प्राणायाम सुदर्शन क्रिया का व रात में अग्रवाल धर्मशाला में गुरु पूजा,भजन सत्संग,ध्यान का अभ्यास कर इस उत्सव को मनाया गया ।इस अवसर पर उपस्थित सभी स्रोताओं ने इस आयोजन का जमकर लुत्फ उठाया । सर्वप्रथम गुरुपूजा सम्पन्न हुई । इस पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एडवांस कोर्स की प्रशिक्षिका किरण सिंह ने इसे पूजा की सर्वोत्तम क्रिया बताया कहा की जीवन में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा है ,गुरु सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है । अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का मार्ग प्रशस्त करता है ।उन्होंने गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देव महेश्वरः ,गुरुर्सक्षात परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः श्लोक पर गुरु की विस्तार से व्याख्या कर जीवन में उनके महत्व को बताया । श्रीमती सिंह ने कहा आर्ट आफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविशंकर जी ने भी ध्यान योग प्राणायाम के माध्यम से लोगों को बेहतर तरीके से जीवन जीने की कला बताते है । ध्यान ,योग,प्राणायाम ,व सुदर्शन क्रिया सभी के तनावयुक्त जीवन को तनावमुक्त बनाती है जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह महसूस होता है । गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मून लाइट म्यूजिक पर आधे घंटे का ध्यान कराया गया जिसका सभी उपस्थित लोगों ने अच्छा प्रभाव महसूस किया ।इसके बाद बंगलोर से पधारे नेशनल कोआर्डिनेटर अनुराग जी की भजनो नारायण नारायण जय जय गोविन्द हरे....,गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा परब्रह्म गुरु भगवंत....जैसी भजनो का उपस्थित लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया ।इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक कृष्ण कुमार मौर्या,,रविंद्र बर्नवाल,के अलावा डॉक्टर वी कुमार,विशाल श्रीवास्तव उर्फ पट्टू सर,सुनीत गुप्ता ,धर्मेंद्र श्रीवास्तव, रमाशंकर,ई0सौरभ,,प्रभा मिश्रा,संतप्रसाद अग्रवाल,इंदुभूषण अग्रवाल,ओमप्रकाश "लड्डू",चंदन अग्रवाल,रिचा अग्रवाल,कमल गुप्ता,रमेश गुप्ता सहित अनेक लोग उपथित थे ।
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