आजमगढ़। एक संगठन द्वारा आटो चालकों से की जा रही अवैध वसूली और चौराहों पर हो रहे उत्पीड़न से परेशान ई-रिक्शा चालकों ने शनिवार को मेहता पार्क में प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप ई-रिक्शा का रूट निर्धारित करने तथा उत्पीड़न से निजात दिलाने की मांग की। लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने कहा कि गरीब लोग बैंक से लोन लेकर ई-रिक्शा खरीदे हैं। उन्हें इसी की कमाई से बैंक की किश्त देनी है साथ ही परिवार का भरण पोषण करना है। ई-रिक्शा का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे प्रदूषण नहीं होता है। सरकार भी प्रदूषण मुक्ति के लिए इसे बढ़ावा दे रही है लेकिन चौराहों पर होमगार्ड वसूली के चक्कर में ई-रिक्शा चालकों का खुलेआम उत्पीड़न कर रहे हैं। शहर में जाम ई-रिक्शा से नहीं लगता है बल्कि एक संगठन के लोग बाकायदा पैसा लेकर बिन परमिट वाले आटो रिक्शा को शहर में प्रवेश कराते हैं। यही लोग शहर में जाम के लिए जिम्मेदार हैं यदि गांव की परमिट वालों को शहर में प्रवेश से रोक दिया जाय तो शहर में कही जाम की समस्या नही आएगी। शहाबुद्दीन ने कहा कि ई-रिक्शा को बाईपास पर नहीं चलाया जा सकता है। कारण कि इससे एक्सीडेंट का खतरा होगा और यदि बैटरी डिस्चार्ज होगी तो जाम की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। डीएवी कालेज से हर्रा की चुंगी तक सड़क पूरी तरह खराब हो चुकी है। टूटी हुई सड़क पर ई-रिक्शा का चलना नामुमकिन है। पप्पू निषाद ने कहा कि शहर के चौराहों और तिराहों पर तैनात होमगार्ड के जवान धनउगाही के चक्कर में हमारे साथ झगड़ा और मारपीट करते हैं। विरोध करने पर रिक्शा खड़ा करा लेते हैं। ई-रिक्शा चालकों की कमाई इतनी नहीं है कि वे सुविधा शुल्क दे सकें। ई-रिक्शा प्रदूषण नहीं करता उसको प्रोत्साहन मिलना चाहिए लेकिन यहां हमारा खुलेआम उत्पीड़न किया जा रहा है। शहर में ई-रिक्शा की इंट्री न होने से मरीज और बुजुर्गो को परेशानी होती है। इसलिए ई-रिक्शा का रूट निर्धारित किया जाय। ताकि लोगों को शहर में आने जाने में कोई दिक्कत न हो। ई-रिक्शा चालकों ने मांग किया कि जिन आटो की परमिट शहर की नहीं है उन्हें शहर में आने से रोका जाय। ऐसे संगठन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाय जो ऐसे लोगों को शहर में इंट्री कराता है। ज्ञापन सौंपने वालों में शहाबुद्दीन, तारिक , नौशाद, गोलू, पप्पू निषाद, एहतेसाम, इमरान, अंकुर सिंह, टिंकू, चंदन, राजेश, इरफान, कलीम, शिवनाथ, हरिलाल आदि शामिल थे।
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