आजमगढ़ :: गुजरे जमाने में भारतीय संगीत की सुपर स्टार गौहर जान का जन्म 26 जून, 1873 को आजमगढ़ में हुआ था। आपने सही सुना आजमगढ़ में ! 26 जून को जन्मीं गौहर जान भारतीय संगीत जगत की सुपरस्टार थीं। गौहर जान की याद में गूगल ने आज का डूडल (Doodle) बनाया है। हमें रोमांचित करने के लिए इतना ही काफी है की गौहर जान आजमगढ़ में पैदा हुई थी। जैसा की विकिपीडिया और अन्य वेब साइट्स बता रहीं हैं। इसके अलावा आप लोगों को उनके बारे में कुछ भी मालूम है तो हमें जरूर तथ्यों के साथ सूचित करें (azmlive@gmail.com) पर । अब बात करें उनकी , गौहर जान भारत की पहली सिंगर थी, जिन्होंने अपने गाए गानों की रिकॉर्डिंग कराई थी. गौहर जान को 'भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार' का दर्जा मिला है। गौहर जान की 145वीं जयंती पर बनाए गए इस गूगल डूडल में एक खास बात है. ठुमरी की जान गौहर की गोद में एक बिल्ली नजर आ रही है. जी हां, गूगल डूडल ने बहुत ही सोच समझकर इस बिल्ली को गौहर जान की गोद में बिठाया है. गौहर जान को आलीशान जीवन जीने के लिए पहचाना जाता है। लेखक विक्रम संपत ने अपनी किताब 'माय नेम इज गौहर जान!' में उनकी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे किए हैं। बचपन में उन्हें बहुत तरह के के दुःख झेलने पड़े पर एक समय वक करोड़पति कलाकार बन गयी थी। गौहर जान ने शानदार जिंदगी जी, और अपने म्यूजिक के साथ उन्होंने बुलंदियों को छुआ। लेकिन गूगल डूडल ने बहुत ही खास उद्देश्य से गौहर जान की गोद में बिल्ली दिखाई है। गौहर जान को आलीशान जिंदगी के लिए पहचाना जाता है। यह बात उस दौर की है, जब पैसे की जबरदस्त वैल्यू हुआ करती थी, और तब के 20,000 रु. आज के 20 लाख रुपये से ज्यादा के होंगे. लेकिन गौहर जान ने 20,000 रुपये सिर्फ अपनी बिल्ली के बच्चों के जन्म देने के मौके पर आयोजित की गई दावत पर ही खर्च कर दिए थे। इस बात की जानकारी कई जगहों पर मिलती हैं। यही नहीं कई जगह उल्लेख मिलता है कि गौहर जान के शौक भी कुछ अनोखे थे, और उन्होंने अपने शौक पूरा करने के लिए जुर्माना देने से भी कदम पीछे नहीं खींचे. गौहर जान चार घोड़ों वाली बग्गी में चलती थी। उस समय कलकत्ता में इस तरह की बग्गी की अनुमति नहीं थी। यही नहीं, अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वे वायसराय को 1,000 रु. रोजाना का जुर्माना भी दिया करती थीं। अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने शौक पूरी करने को लेकर कितनी दीवानी थीं। गौहर जान ने लगभग 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं। गौहर जान ने 600 गीत रिकॉर्ड किए थे। गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली सिंगर थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए. 1902 से 1920 के बीच 'द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया' ने गौहर के हिन्दुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेजी और फ्रेंच गीतों के छह सौ डिस्क निकाले थे। यह तो थी आजमगढ़ की गौहर जान की जानी अनजानी कहानी , अगर आज़मगढ़ियों को कुछ और पता हो तो जरूर हमें भेजें। azmlive@gmail.com पर।
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