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आख़िरकार विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त कराया ग्रीनलैंड एरिया में बना कृष्णा कालेज

आजमगढ़: तमसा नदी के किनारे ग्रीनलैंड में अवैध रूप से बने कृष्णा कालेज को रविवार को आजमगढ़ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त करा दिया। भारी फोर्स की मौजूदगी में तीन जेसीबी मशीन और एक पोकलेन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से नदी किनारे अवैध निर्माण करने वालों में में हड़कंप की स्थिति है। पिछले कई वर्षो में दर्जनों नोटिस देने के बावजूद कृष्णा कालेज प्रबंधन ने परिसर खाली नहीं किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में आजमगढ विकास प्राधिकरण ने शनिवार की शाम को कई थाने की फोर्स के साथ कालेज भवन को गिराने पहुंचे, लेकिन कालेज प्रबंधन कालेज में पढने वाले बच्चों को ढाल बनवाकर तीसरी बार इस विध्वंस की कार्रवाई को रुकवाने में सफल हो गया। रविवार की सुबह नौ बजे एक बार फिर एडीए प्रशासन तीन जेसीबी के साथ मौके पर पहुंच गया। कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एसडीएम सदर प्रकाश चंद्र, एसपीआरए नरेंद्र प्रताप सिंह कई थानों की फोर्स के साथ वहां मौजूद रहे।
इस कार्रवाई के बाद यह चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या अन्य अवैध भवनों को भी जमीदोज किया जाएगा। कारण कि शहर में दर्जन में दर्जनभर अस्पताल, स्कूल और होटल अवैध रूप ग्रीनलैंड या कृषि भूमि में बनाए गए हैं।
बता दें कि शहर के मड़या जयराम निवासी लालता यादव पुत्र पतिराज ने करीब दो दशक पूर्व बागेश्वर नगर में तमसा नदी के किनारे ग्रीन लैंड पर कब्जा कर विद्यालय बनवा लिया था। इस अवैध कब्जे के खिलाफ कुछ लोगां ने शिकायत की तो लालता यादव ने ऊंची पहुंच का इस्तेमाल कर ममाले को दबा दिया।
वर्ष 2005-06 में इस मामले कार्रवाई का आदेश हुआ। उस समय यूपी में मुलायम सिंह की सरकार थी। फिर वर्ष 2007 में बसपा की सरकार बनी तो फिर कार्रवाई का आदेश हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अखिलेश सरकार में एडीए द्वारा भवन ध्वस्तीकरण का आदेश किया गया लेकिन प्रबंधक ने कानूनी दांव पेंच में उलझाकर कार्रवाई रोक दी। मामला न्यायलय में पंहुचा वहां भी विद्यालय प्रबंधक को सफलता नहीं मिली। फिर हर कुछ तकनीकी उलझन के साथ ही विद्यार्थियों को ढाल बना कार्यवाही टलती रही। कई मौकों पर प्रशासन की टीम वहां जरूर लेकिन लौटना पड़ता था। शनिवार को अधिकारी भवन को ध्वस्त करने के लिए पहुंचे तो प्रबंधन ने पहले ही स्कूल स्टाफ और बच्चों को बुला लिया । विवाद की संभावना को देखते हुए देर शाम अधिकारी बिना कार्रवाई के लौट गए। एडीए सचिव बाबू सिंह द्वारा कहा गया कि बिलम्ब होने और कुछ तकनीकी कारणों से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रद्द कर दी गयी है। अब कुछ दिन बाद की जाएगी।
रविवार को प्रशासन ने अचानक तीन जेसीबी, एक पोकलेन मशीन, पीएसी तथा कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच भवन को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया । दोपहर बाद तक पूरी बिल्डिंग ध्वस्त कर दी गयी। इस कार्रवाई से हड़कंप की स्थित दिखी। लालता यादव मौके से गायब दिखे। कार्रवाई शांतिपूर्ण ढ़ंग से पूरी हुई तो प्रशासन ने राहत की सांस ली। 

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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