आज़मगढ़ 9 मई -- मण्डलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने कहा है कि सांसदों, विधायकों, जन प्रतिनिधियों, आम जन से आईजीआरएस, समाधाना दिवस, थाना दिवस, जन सुनवाई आदि के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का समयवद्ध, गुणवत्तायुक्त एवं स्थायी निस्तारण किया जाना सुनिश्चित किया ताकि आम जन को राहत मिल सके। मण्डलायुक्त श्री रंगाराव ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में जनपद आज़मगढ़ के सभी उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों के विभिन्न कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एण्टी भू-माफिया टास्कफोर्स के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वालों को पहले जमीन खाली करने के लिए कहें, यदि इसके बावजूद अतिक्रमणकर्ता द्वारा जमीन से अवैध कब्जा नहीं हटाया जाता है तो उसके विरुद्ध गुण्डा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करायें तथा आवश्यकतानुसार जिला बदर की भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। मण्डलायुक्त ने कहा कि सार्वजनिक भूमि एवं निजी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के कारण प्रायः कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था प्रभावित होती है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने समस्त उपलिाधिकारियों को निर्देशित किया कि शांति समिति की बैठकों हेतु त्योहारों आदि का इन्तज़ार किया जाना उचित नहीं है, बल्कि अपने-अपने सब-डिवीज़न में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए क्षेत्र के हर समुदाय के गणमान्य लोगों के साथ महीने में कम से दो बार थानावार शांति समिति की बैठकें की जाय। मण्डलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने तहसील न्यायालयों में अविवादित वरासत के पुराने मामलों को शत प्रतिशत निस्तारण हेतु 15 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित करते हुए आगाह किया कि निर्धारित अवधि के बाद 122बी के पुरानी मामले लम्बित नहीं मिलने चाहिए। इसी के साथ उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि श्रावस्ती माडल के अन्तर्गत भूमि विवाद के निस्तारण हेतु जो भी टीमें गांवों में जा रही हैं उसमें शामिल राजस्व विभाग के कर्मी धारा-122बी, 145 एवं 133 की सूची के साथ जायें तथा मौके पर जाॅंच कर तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त ने कहा कि वरासत, मेड़बन्दी, भूमिधरी आदि के कतिपय मामलों में एक ही प्रकरण में दो प्रकार की रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं जिसके कारण विवाद में और पेचीदगी पैदा हो जाती है। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लें तथा सम्बन्धित लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षकी जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाय। उन्होंने आपदा प्रबन्धन की समीक्षा के दौरान कहा कि यदि कोई व्यक्ति या परिवार आपदा से प्रभावित होता है तो उसको तुरन्त राहत पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होने समस्त उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि आपदा प्रभावित के यहाॅं तुरन्त जायें तथा सुनिश्चित किया जाय कि पीड़ित को उसी दिन राहत सामग्री मिल जाय। मण्डलायुक्त श्री रंगाराव ने कहा कि कभी कभी इस प्रकार की भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि लाइसेंसी शस्त्र को लाइसेंसी शस्त्र की दुकान में जमा होना बताया जाता है परन्तु वास्तविक रूप से ऐसा नहीं होता है। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी एसडीएम को निर्देश दिया कि क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी के साथ शस्त्र की दुकानों और थानों में जमा शस्त्र की सूची के साथ जायें तथा जमा असलहों को देखें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि लाइसेंसी शस्त्र की दुकानों से लाइसेंस धारकों द्वारा खरीदे गये कारतूस, बुलेट का पूरा लेखा जोखा चेक करें तथा लाइसेंस धारकों से उसके उपयोग आदि का पूरा विवरण लें। इस अवसर पर अपर आयुक्त(प्रशासन) राजेन्द्र कुमार सहित सभी एसडीएम एवं तहसीलदार आदि उपस्थित थे।
Blogger Comment
Facebook Comment