आजमगढ़ :: विगत 2 अप्रैल को भारत बंद दलित आंदोलन के समय सगड़ी क्षेत्र के प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने बिना शर्त बेगुनाहों की रिकॉर्ड व दलित-आदिवासी उत्पीड़न की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने आदि मांगों को लेकर गिरफ्तार लोगों के परिजनों सहित विधिक राजनीतिक सामाजिक संगठनों द्वारा गठित दमन उत्पीड़न विरोधी मोर्चा द्वारा मंगलवार को रिक्शा स्टैंड पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना सभा की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय नेता कामरेड दुखहरण राम ने कहा कि देश में लगातार दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही है फिर भी अत्याचार निरोधक SC ST 1989 कानून में फेरबदल करके निष्प्रभावी करने का निर्णय दुखद है और इसके विरोध में देशभर में दलित आंदोलनकारियों को फर्जी तरीके से मुकदमे में फंसा कर जेल में डालना फासीवादी कदम है। वही जनमुक्ति मोर्चा के राजेश ने कहा कि 2 अप्रैल को शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने जिन लोगों ने तोड़फोड़ व आगजनी , अभद्रता किया लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टे निर्दोष नागरिक को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल में डाल दिया गया | इंडियन सामाजिक संघ की आरती बुद्ध ने कहा कि क्षेत्र में अमन शांति विश्वास बहाल करने के लिए लोगों पर थोपे गए फर्जी मुकदमे को तत्काल वापस लेना चाहिए | इस धरना सभा में दमन उत्पीड़न विरोधी मोर्चा में नवयुवक अंबेडकर दल, जनमुक्ति मोर्चा, जनवादी लोकमंच, पूंजीवाद साम्राज्यवाद विरोधी मंच, रिहाई मंच, किसान संग्राम समिति, अखिल भारतीय प्रगतिशील छात्र मंच IAS भारत परिषद, बाल कमेटी सहित तमाम संगठनों ने भागीदारी की | इस अवसर पर तेज बहादुर, आलम, रामकरण, वीरेंद्र सेनानी, सूबेदार, राजकुमार, जयप्रकाश नारायण, गिरिजेश, रवींद्रनाथ, दान बहादुर, श्यामनारायण चक्रवर्ती, अमित, आरती बौद्ध, हरकेश, प्रशांत, डॉक्टर त्रिलोकी, प्रदीप, शिवचंद, अनिल चतुर्वेदी, ओम प्रकाश वशिष्ठ, राजेश सहित तमाम लोग उपस्थित रहे धरना सभा का संचालन राहुल ने किया।
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