आजमगढ़:: ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा का कार्य जेसीबी से कराये जाने पर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को ग्रामीणों व मनरेगा मजदूरों ने कालिका यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौपा। मामले की जांच कराकर कार्यवाही कियें जाने की मांग किया हे। जहानागंज ब्लाक के सेमा गांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में बताया कि गांव के ग्राम प्रधान गांव में जो भी मनरेगा का कार्य कराते हैं, वह जेसीबी से कराते हैं। सेमा गांव में जितनी पोखरों की अबतक खुदाई हुई है वह जेसीबी के द्वारा ही कराया गया। बीते 11 व 12 अप्रैल 2018 को ग्राम प्रधान ने गांव में तीन चकरोड जेसीबी से फेंकवाये। जब चकरोड जेसीबी से फेंका जा रहा था तो ग्रामीणो ने इसकी सूचना स्थानीय थाने को दिया। पुलिस जब पहुंची तो ग्राम प्रधान मौके पर नही थे पुलिस ने फोन करके मना किया कि जेसीबी से मनरेगा का कार्य न कराया जाय। पुलिस के मना करने के बाद भी जेसीबी से कार्य चलता रहा तो ग्रामीणों ने खंड विकास अधिकारी जहानागंज व उपजिलाधिकारी सदर से फोन पर इसकी शिकायत किया। सूचना देने के बाद भी मौके पर कोई भी अधिकारी काम को रूकवाने नही गया। ग्रामीणों ने कहाकि मनरेगा का कार्य जेसीबी से होने पर मनरेगा मजदूर को काम नही मिल पा रहा है जबकि शासन का सख्त निर्देश है कि मनरेगा मजदूरों को एक वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार दिया जाना चाहिए। ज्ञापन सौपन वालों में कालिका यादव, शिवशंकर यादव, रामअवध चौहान, विश्वनाथ चौहान, रमेश चौहान, रामदरश यादव, चन्द्रप्रकाश चौहान, मुसाफिर, रामप्रताप चौहन, चन्द्रभान चौहान,राधेश्याम यादव सहित आदि मौजूद थे।
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