आजमगढ़:: अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति अत्याचार निरोधक अधिनियम 1989 पर सर्वोच्च न्यायालय के संशोधन आदेश के विरोध में भारत बंद के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर भीम आर्मी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति, शिक्षक महासंघ, यूनियन बैंक एससीएसटी वेलफेयर एसोसिएशन, भीम ज्योति संघ, अम्बेडकर संघर्ष समिति, जन मुक्ति मोर्चा, बाल कमेटी जमुआ आदि संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से विशाल धरना-प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी किया गया। इसके बाद एक विरोध रैली मेहता पार्क से निकली जो सिविल लाइन, जजी मैदान, बवाली मोड़ पहुंचकर आधे घंटे तक चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया। डीएम के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य राजस्व अधिकारी बवाली मोड़ पर पहुंचे और महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्राप्त किया। इसके बाद पुनः धरना स्थल पर पहुंचकर वक्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया। डीएवीपीजी कालेज के पूर्व उपाध्यक्ष गंगाप्रकाश त्यागी ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न प्रतिरोधक कानून को कमजोर किए जाने से हम दलित वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। श्री त्यागी ने आरोप लगाया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की एनडीए सरकार के तानाशाही रवैये के कारण आज संविधान खतरे में है। डीएवी के पूर्व महामंत्री भीमसेन व एसपीएसपीजी कालेज घोसी के छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली ने अपने फैसले के अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति/अत्याचार निरोग अधिनियम सन् 1989 को निष्प्रभावित कर दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व विधायक मेंहनगर बृजलाल, पूर्व सांसद डा बलिराम, बसपा पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, हरिश्चन्द्र गौतम, अश्वनी कुमार, शोभा प्रसाद, डा लालती, पूर्व महामंत्री डीएवीपीजी कालेज मनीष कुमार रवि, विरेन्द्र गौतम, मनीष कुमार बौद्ध, सत्यम बौद्ध, निखिल भारती, लालचंद रामजी, आकाश कुमार, सत्यनारायण, राजकुमार, अनिल पासी, उमेश गौतम, शेरबहादुर, रामजन्म सरोज, संदीप कुमार शेखुपुर आदि सहित भारी संख्या में लोग शामिल रहे।
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