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होमियोपैथी के जनक हैनीमन की 263वीं जयंती का हुआ आयोजन

आजमगढ़। शहर के बदरका में होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन व केमिस्ट एंड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में होमियोपैथी के अन्वेष्क डा. किश्चयन फैडरिक सैम्युल हैनीमन की 263वीं जयंती का आयोजन किया गया। इस दौरान जहां डा. हैनिमन के कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा हुई। वहीं आजमगढ़ में डा. हैनिमन चौराहे की स्थापना का संकल्प लिया गया। इस दौरान चिकित्सकों ने डा. हैनीमन के चित्र पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 
जयंती के अवसर पर डा. भक्तवत्सल ने कहा कि महात्मा डा. हैनीमन ने पीड़ित मानवता के लिए होमियोपैथी के रूप में एक अमृत कलश प्रदान किया है जिसकी दो बूंद औषधि से अनेका अनेक रोगों का उन्मूलन सहजता से हो जाता है। स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी करना संभव ही नहीं है। एलोपैथ सहित जहां मेडिकल की सारी विधाएं फेल हो जाती है वहां भी होमियोपैथ मरीज को पूर्णरूप से असाध्य रोगों के मुक्ति दिलाता है। उन्होने कहा कि होमियोपैथी अपनी गुणवत्ता पर समाज में लोकप्रिय होती जा रही है। इस चिकित्सा पद्धति में डा. हैनीमन के सिद्धांतों पर चलकर ही सफलता हासिल की जा सकती है। 
लालबहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आनंद चतुर्वेदी ने कहा कि हमाई हमारी आवाज को हर स्तर पर उठाती है। उन्होने कहा कि यूपी सरकार ने लखनऊ में आयुष विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है। शीघ्र ही राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेजों में रीडर और प्रोफेसरों की नियुक्ति होने जा रही है। जिससे पठन पाठन नहीं बाधित होगा। उन्होंने कहा कि दस अप्रैल को डा. हैनिमन की जयंती के अवसर पर विश्व होमियोपैथिक दिवस पखवारा विज्ञान भवन नई दिल्ली में शुरू हुआ और आज यहां तक पहुंचा है। उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में आयुष मेले का अयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की तादाद में होमियोपैथिक चिकित्सा शिविर लगाये गये।
केंद्रीय होमियोपैथी परिषद के वरिष्ठ सदस्य डा. अनिरूद्ध वर्मा ने कहा कि स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी के असंभव है। शासन को होमियोपैथी चिकित्सकों के लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। प्रदेश के होमियापैथी मेडिकल कालेजों में केंद्रीय होमियोंपैथी परिषद के मानकों को पूरा करके एमडी कोर्सो को शुरू करना चाहिए।
होमियापैथिक मेडिकल कालेज आजमगढ़ के प्रो. डा. राजेंद्र राजपूत ने कहा कि होमियोपैथिक को ऊंचाई तक ले जाना हम सभी की जिम्मेदारी है। सरकार ने इस पर ध्यान दिया है। आज हमारी सरकारी क्षेत्र में भी भागीदारी बढ़ी है। हमे इस भागीदारी को और बढ़ाना है। 
डा. सलमानी ने कहा कि एलोपैथ जहां फेल हो जाती है वहां भी होमियापैथिक बेहतर परिणाम दे रही है। हम असाध्य रोगों का भी इस पैथी से बेहतर उपचार कर सकते है। सबसे अहम है कि हम इस पैथी से रोग को जड़ से समाप्त करते है।
हमाई के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. राजेश तिवारी, डा. नेहा दुबे, डा. राजकुमार राय आदि ने संबोधित किया। इसके पूर्व संस्था के अध्यक्ष डा. भक्तवत्सल, डा. वाईएम सलमानी, मुख्य अतिथि और विशिष्ठ अथिति को अंगवस्त्रम एवं बुके देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि द्वारा डा. प्रमोद गुप्ता और डा. देवेश दुबे को संगठन के लिए उनके उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। डा. नवीन दुवे व डा. एके राय ने अतिथियों का स्वागत किया। संगठन के सहयोग के लिए डा. एसके राय को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर होमियोपैथिक परिवार के बच्चों द्वारा केक काटकर एंव सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से डा. हैनीमन की जयंती मनाई गई। 
इस मौके पर डा. रणधीर सिंह, डा.धर्मराज सिंह, डा. वी. पांडेय, डा. सीजे मौर्य, डा. साबिर अहमद, डा. एससी सैनी, डा. राजकुमार राय, डा. अभिषेक राय, डा. नीरज सिंह, डा. पूजा पांडेय, डा. राजीव आनन्द, डा. मनोज मिश्रा, डा. प्रभात, डा. राजकुमार, डा. वी पांडये, डा. नित्यानंद दूबे, डा. नरेन्द्र श्रीवास्तव, डा. राजीव पांडेय, डा. चमन लाल, डा. गिरीश सिह, डा. सुशील मौर्य आदि उपस्थित थे।
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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