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राजकीय पालिटेक्निक आजमगढ़ में मनाया गया विश्व जल दिवस

आजमगढ़:: नगर के हर्रा की चुंगी, स्थित राजकीय पालिटेक्निक आजमगढ़ में विश्व जल दिवस मनाया गया। भूगर्भ-जल विभाग के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम के दौरान जल की महत्ता से अवगत कराते हुए संचयन और मितव्ययिता के लिए जनमानस को प्रेरित कर विश्व जल दिवस कार्यक्रम की सार्थकता में सहभागी बनने की अपील की गयी।
कार्यक्रम के दौरान ई. कूलभूषण सिंह ने बताया कि बढ़ती आबादी के दृष्टिगत डब्लू.एच.ओ. के शोध के अनुसार वर्ष 2030 में विश्व एवं देश के शहरों में पानी की उपलब्धता मांग के सापेक्ष आपूर्ति महज 50 प्रतिशत ही रह जाने वाली है। जल की मितव्ययिता का कोई विकल्प नहीं है। वर्तमान परिदृश्य मे प्राकृतिक संसाधनो के रूप में प्राप्त जल बेहद अमूल्य है।
भूगर्भ जल विभाग के अनुसार जनपद के पल्हनी एवं सठियाव ब्लाक का भूगर्भ जल स्तर क्रिटिकल जोन अथवा खतरे के निशान पर है। मण्डल के अर्न्तगत रसड़ा ब्लाक का भूगर्भ जल-स्तर सबसे भयावह स्थिति में पहुंच चुका है। इस दौरान उन्होने बताया कि जनपद में क्रिटिकल जोन के अर्न्तगत पल्हनी ब्लाक का औसत जलस्तर मानसून से पूर्व 6.99 मीटर तथा मानसून पश्चात 3.08 तक मापा गया है। जबकि दूसरे क्रिटिकल जोनवाले ब्लाक सठियांव की स्थिति मानसून के पूर्व 6.65मीटर तथा मानसून पश्चात 5.76 मीटर तक मापी गयी है। घर की छतो पर पानी की टंकीयों से होने वाले ओवर फ्लो न्यूनतम 100 लीटर जल प्रतिमिनट का अपव्यय एवं खुले नल से 6 लीटर प्रतिमिनट अपव्यय होता है। थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम कम जलापूर्ति वाले क्षेत्रों की उदारतापूर्वक मदद कर सकते है।
कार्यक्रम के दौरान इफ्तेखार अहमद, प्रधानाचार्य राजकीय पालिटेक्निक, आजमगढ़ ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए शु़द्ध जल के प्रचुर भण्डार अर्थात भूगर्भ-जल को विभिन्न उपायों द्वारा बचाए रखने मे मदद की अपील की जिससे आने वाली पीढ़ीयां हमारे दूरगामी सोच से लाभान्वित हो सके।
उन्होने कहा कि जल संरक्षण उपायों के अर्न्तगत सामान्य बारिस के दौरान 100 स्कावयर फिट की एक छत से लगभग एक 80 हजार लीटर जल से भूगर्भ जल स्रोत को समृद्ध किया जा सकता है। गाड़ियों की धुलाई पाईप की बजाय बाल्टी के पानी से करते हुए 300 लीटर पानी का अपव्यय बचाया जा सकता है। धूल मुक्ति हेतु सड़के गीली करने की प्रवृत्ति छोड़कर हम अमूल्य पेयजल संचयन मे अपना योगदान कर सकते है। साथ ही पड़ोस को भी जगरूक करते हम अपने पड़ोस के क्षेत्र में भूगर्भ-जल स्रोत अक्षय बनाये रह सकते है।
इस दौरान धीरेन्द्र सिंह, सुभाष शुक्ला, ओमप्रकाश सिंह, श्रुति सिंह, राकेश मिश्रा, उमेश यादव, देवाशीष श्रीवास्तव, सैमुल्लाह अंसारी, नित्यानन्द यादव, कु, खुशबू गुप्ता, प्रेमानन्द पटेल,अरविन्द कुमार यादव, श्यामलाल, संजय, दुलारे, सियाराम, प्रेमचन्द्र सिंह, सहित स्थानीय मीडिया प्रतिनिधि एवं पालिटेक्निक के सभी स्टाफ व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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