आजमगढ़ : शिब्ली नेशलन पीजी कालेज के कांफ्रेस हाल में आयोजित दी मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के प्रथम सचिव मौलाना हमीदुद्दीन फराही के 'इल्मी व फिक्री मीरास' पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन मौलाना शाहनवाज फैयाज की तिलावत-ए कलम-ए पाक से शुरू हुआ। अध्यक्षता डा. इनायतुल्लाह असद सुबहानी एवं मौलाना उमर असलम इस्लाही ने की। संचालन अबुसाद ने किया। शोध प्रस्तुत करने वालों में डा. रजी उल इस्लाम नदवी, डा. शाहनवाज फैयाज, फजलुर्रहमान, डा. मोहम्मद अरशद आजमी, महमूद गाजी, डा. कमर इकबाल ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। डा. कमर इकबाल ने कहा कि अरस्तु के अनुसार फन फितरी (प्राकृतिक) नक्काली का नाम है। फराही की शादी में उनके गुरु मौलाना मेंहदी चितारवी ने जो सेहरा लिखा था उसको डा. शफीउज्जमां ने प्रस्तुत किया जो सेमिनार के माध्यम से दुनिया के सामने आया है। लोगों ने इसकी खूब सराहना की। डा. राजीयुलइस्लाम ने कहा कि मैंने जो लिखा है वह मौलाना फराही का ही गैर मामूली हिस्सा है। प्रोफेसर अल्ताफ अहमद आजमी ने कहा कि मौलाना मौदूदी अगर जमात ए इस्लामी न बनाते तो वह इस्लाम धर्म के बहुत बड़े गुरु होते। इनायतुल्लाह असद सुबहानी ने कहा कि मौलाना मौदूदी का मौलाना फराही से कोई टकराव नहीं है जो लोग यह कहते है उन्हें हकीकत का इल्म नहीं है। इस मौके पर मौलाना आजाद, वसीउद्दीन, मोहम्मद नोमान, ताहिर मदनी, डा.ज्ञानप्रकाश दुबे, अदनान अहमद, मिर्जा वमीम बारी बेग आदि मौजूद थे।
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