आजमगढ़। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में मंगलवार को सरकार के विद्युत वितरण के निजीकरण के निर्णय के विरोध में विद्युतकर्मियों तथा अभियंताओं ने कार्य बहिषकार करते हुए हाइडिल कालोनी सिधारी पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी गयी कि यदि सरकार निजीकरण के अपने फैसले को वापस नहीं लेती है। तो कर्मचारी विद्युत आपूर्ति ठप कर पूरे प्रदेश में जबरदस्त हड़ताल की जायेगी। धरना स्थल पर उपस्थित विद्युत कर्मियों एवं अभियंताओं को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि सरकार के इस फैसले से निजी कम्पनियों को लाभ होगा तथा उपभोगताओं को मंहगी बिजली मिलेगी। वक्ताओं ने पावर कारपोरेशन प्रबन्धन पर निजी कम्पनियों से साँठगाँव का आरोप लगाया और कहाकि पावर कॉरपोरशन प्रबन्धन में निजी करण की प्रकिया को अंजाम देने हेतु बड़ी संख्या में सलाहकारों को तैनात किया गया है। ताकि निजी धरानों को फे्रंचाइजी दिया जाना पहले ही तय हो सके। वक्ताओं ने कहाकि मुख्यमंत्री केबिनेट के निजीकरण के फैसले को कर्मचारी अधिकारी चलने नहीं देंगे। वे प्रदेश के महानगरों एवं सात जनपदों के विद्युत वितरण के सरकारी फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे। आजमगढ़ के मुख्य अभियंता पंकज कुमार ने सरकार के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार से फैसला वापस लेने का आग्रह किया। इस मौके पर संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता सैय्यद मुनौव्वर अली, धर्मू यादव, चन्द्रशेखर लाल आदि अनेक विद्युत कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे। धरना सभा की अध्यक्षता क्षेत्रीय अभियंता संघ के सचिव ई. चन्द्रेश उपाध्याय ने किया तथा संचालन संघर्ष समिति के संयोजकप्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी ने किया।
Blogger Comment
Facebook Comment