बूढ़नपुर में भी हुआ था 95 लाख का मुआवजा घोटाला आजमगढ़ :: नेशनल हाईवे की जमीन के तीन करोड़ के मुआवजे के लिए सगे पट्टीदारों ने अपने ही भाई को राजस्व अभिलेखों में मृतक साबित कर दिया। खुद को असली वारिस बताकर मुआवजा हड़पने की कोशिश की गई। वो तो कुछ जागरूक लोगों ने मामले से अधिकारियों को अवगत कराया। इसके बाद जिलाधिकारी के सामने जमीन का मालिक भी उपस्थित हो गया। मामला संज्ञान में आने पर सीआरओ ने तत्काल मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया रोक दी। मामला लालगंज तहसील के असाउर गांव से जुड़ा है। गांव निवासी बरखू वाराणसी में रिक्शा चलाता है। साल-दो साल पर कभी कभार ही घर आता था। उसका परिवार भी वाराणसी में साथ रहता था। इस दौरान उसके पट्टीदारों ने राजस्व अभिलेखों में उसे मृत घोषित करा दिया। साथ ही पट्टीदारों के नाम पर जमीन की वरासत भी हो गई। बाद में वो जमीन वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन नेशनल हाईवे में आ गई। सूत्रों की माने तो जमीन की तीन करोड़ रुपये मुआवजा तय हुआ। अभिलेखों में वारिस बने लोगों ने मुआवजे के लिए क्लेम कर दिया। अभी मुआवजा जारी नहीं थी कि भाजपा के पूर्व सांसद दरोगा सरोज आदि को मामले की जानकारी हो गई। उन्होंने बरखू और अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। बरखू भी जिलाधिकारी के सामने पेश हुआ और जमीन को अपना बताया। मामले की जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी को हुई तो उन्होंने मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया। बताया जाता है कि जिलाधिकारी के सामने पेश होने के कुछ दिन बाद ही बरखू की मौत हो गई। अब उसके बेटे खुद को उसका वारिस बता राजस्व अभिलेखों में अपना नाम चढ़वाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। गौर तलब है की अभी हाल ही में जनपद पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में 95 लाख का मुआवजा हड़पने का खुलासा किया था। बूढ़नपुर तहसील के भीलमपुर छपरा निवासी सुग्रीव के नाम पर फर्जी व्यक्ति को खड़ा कर 95 लाख का मुआवजा हड़पा जा चुका है। सुग्रीव भी 20 साल से लापता था। जमीन उसके भाई के नाम हो चुकी थी, लेकिन विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी सुग्रीव बन कर 95 लाख का मुआवजा हड़पा जा चुका है। मामले में दो लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं।
Blogger Comment
Facebook Comment