आजमगढ़ : बस्ती के दो एजेंट सगे भाइयों के माध्यम से मलेशिया में नौकरी के लिए गए कंपनी द्वारा बंधक बनाए गए जिले के पांच व्यक्तियों को आखिरकार मुक्ति मिल ही गई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और जिला प्रशासन की पहल पर कंपनी के मालिक ने आखिरकार उनका पासपोर्ट और वीजा वापस कर दिया। इसके बाद सभी वहां से फ्लाइट से इंदौर पहुंचे और उसके बाद ट्रेन से घर के लिए चल दिए हैं। उधर, परिजनों ने भी अपने परिवार के सदस्यों के घर आने की सूचना पर चैन की सांस ली गौरतलब हो कि बस्ती के दो सगे भाई एजेंटों के माध्यम से जिले के रानी सराय थानांतर्गत शाहकुंदनपुर तमौली निवासी प्रकाश यादव, बरदह थाना के कम्मरपुर निवासी जिउत यादव एवं सेंधुरी कम्मरपुर निवासी अजय यादव, निजामाबाद थाना के फरीदुनपुर गांव निवासी जोगेंद्र यादव एवं फूलपुर कोतवाली के खानजहांपुर बुटकिया निवासी देवेंद्र कुमार यादव 15 मार्च को मलेशिया पहुंचे। वहां संबंधित कंपनी द्वारा उनका पासपोर्ट और बीजा ले लिया गया। वहां गए लोगों ने किसी तरह अपने परिजनों से बात कर बताया कि उन्हें बंधक बना दिया गया है और भूखे-प्यासे रखा जा रहा है। इसके बाद परिजनों ने फैक्स के माध्यम से प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय विदेश मंत्री, मुख्यमंत्री के अलावा जिले के आलाधिकारियों को पत्र लिखा था। उसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मलेशिया के दूतावास से संपर्क किया जिसके बाद सभी अपने वतन वापस आ रहे हैं, जिनके देर रात पहुंच जाने की संभावना है।
Blogger Comment
Facebook Comment