मार्टिनगंज/आजमगढ़:: तहसील क्षेत्र के गांव में आबादी के बीच में स्थित जलाशयों को गांव वासियों की आपत्ति को दरकिनार कर तहसील अधिकारियों द्वारा मनमानी ढंग से मत्स्य पालन हेतु पट्टा कर दिया जा रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश के चलते लसडाखुर्द के ग्रामीणों ने दर्जनों की संख्या में आकर तहसील मुख्यालय का घेराव कर शिकायती पत्र उप जिलाधिकारी को सौंपकर स्वीकृत पट्टा निरस्त करने की मांग की। तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांव में आबादी के बीच में स्थित जलाशयों की भी मत्स्य पालन हेतु पट्टा आवंटन के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कर दी गई थी, इसको देखते हुए लसडाखुर्द के ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों संख्या में पहुंचकर तत्कालीन तहसीलदार शिवसागर दूबे का घेराव कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। तब तत्कालीन तहसीलदार ने ग्रामीणों की व्यथा सुन जनहित में जलाशय का मत्स्य पालन हेतु पटटा न करने हेतु अपनी रिपोर्ट लगा दी थी। लेकिन लसडाखुर्द के ग्रामीणों का आरोप है कि तत्कालीन तहसीलदार की आपत्ति रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए वर्तमान तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी द्वारा समिति के लोगों की मिली भगत से ग्रामीणों की अनदेखी करते हुए जलाशय का मत्स्य पालन के लिए पटटा स्वकृत कर दिया गया। जो हम ग्रामीणों के जनहित में नहीं है । हम लोगों की खेती बाड़ी की सिंचाई होती है वही हम गरीब होने के नाते जीविकोपार्जन का जलाशय ही मुख्य साधन है । लेकिन तहसील प्रशासन द्वारा हमारी आपत्ति को दरकिनार करते हुए स्वीकृति कर दिया गया। ग्रामीणों का नेतृत्व करते हुए ग्राम प्रधान पार्वती राजभर एवं ग्राम पंचायत सदस्य बंश बहादुर सिंह ने कहा कि अगर पट्टा को निरस्त नहीं किया किया गया तो हम लोग बृहद धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होगी। उपजिलाधिकारी इंद्रभान तिवारी ने कहा कि पट्टा स्वीकृति कर दिया गया है अगर इनको आपत्ति है तो जिलाधिकारी के यहां अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इस अवसर पर बैजनाथ ,वंश बहादुर सिंह,रमेश,राजेश,सुनीता,खेलावन, राज,पत्ती सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
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