जाैनपुर :: हिन्द टाकीज के पास पुल के नीचे से नकली नोटों के साथ गिरफ्तार पांच तस्करों में तीन आजमगढ़ और दो जाैनपुर के निवासी हैं। यह लोग 10 रुपए से लेकर 2000 तक के नकली नोट छापकर चलाने का काम करते थे। गैंग के सरगना अरविन्द के खिलाफ मध्यप्रदेश से लेकर पंजाब तक कई मुकदमें दर्ज हैं। पकडे गए लोगों में अरविन्द बेनवंशी निवासी कटार, थाना फूलपुर, आजमगढ़, आलोक प्रताप सिंह निवासी खान्जहांपुर, फूलपुर, आजमगढ़, अखिलेश कुमार निवासी सिंधाई, थाना शाहगंज, जौनपुर, रंजीत कुमार निवासी कोहड़ा, थाना शाहगंज, जौनपुर, अमित कुमार यादव निवासी ओरिल, आजमगढ़ हैं। यह लोग भोले-भाले गरीब लोगों को तत्काल धनी होने का लालच देकर एक लाख का तीन लाख देने का वायदा करते थे। नमूने के तौर पर दो नोटों को पहले सैम्पल के रूप में देते थे जबकि दोनों नोटों का नम्बर एक ही होता था। मामले का खुलासा करते हुए एसपी के के चौधरी ने बताया कि अतिरिक्त नोट उन्हीं नम्बरों की तीन-चार सेट में छपाई होती है। छापने वाले लोग अपने गैंग से मिलकर जाली नोट मार्केट में चला देते थे। एसपी के मुताबिक अभियुक्तों ने बताया कि असली नोट लेकर दोगुना लाभ का आश्वासन देकर नकली नोट दे देते थे। गिरोह के लोग 10 से लेकर पांच रुपये तक करेंसी पहले बैंक से निकालते थे। बैंक से प्राप्त नयी नोट की गड्डी के किसी भी एक नोट के दो नम्बरों को ब्लेड से खुरच कर निकाल लेते थे। अच्छी तरह से घिसकर नकली वाले किसी दो नोट पर चिपका देते थे। अपने आदमी से उसको नोट देते थे और बताते थे कि अलग-अलग जगहों पर चलाएं। उनका आदमी जिस व्यक्तिको झांसे में लेना होता था नोटों को नमूना के तौर पर देता था। इसके अवाला अलग-अलग जगहों पर नोट चलाया जाता था। क्योंकि वे नोट असली दिखते थे।
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