आजमगढ़ 22 मार्च 2018 -- जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने निर्देश दिये हैं कि राजस्व वसूली लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत पूर्ण होने चाहिए। इसमें यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गयी तो सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही तय है। उन्होने उप जिलाधिकारियों/तहसीलदारों को यह भी निर्देश दिये कि खतौनियों का अंश निर्धारण, ग्राम सभा सम्पत्ति रजिस्टर बनाने एवं फीड करने बाद सत्यापन कराने और श्रावस्ती माडल से भूमि विवादों का निपटारा करायें।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व कार्याें की समीक्षा बैठक करते हुए दिये। इस अवसर पर उन्होने कहा कि सभी अधिकारी/कर्मचारी टीम भावना से कार्य करें और शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य समय से पूर्ण करें। उन्होने कहा कि रिट याचिकाओं का सीए समय से लगायी जाये क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय का आदेश समयबद्ध होता है, इसलिए आदेश का अनुपालन निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत किया जाना आवश्यक है। उन्होने कहा कि एक पंजिका बनायी जाय जिसमें रिट याचिकाओं को एसडीएम नोट करें तथा प्रत्येक सप्ताह कृत कार्यवाही की आख्या प्राप्त करने हेतु सम्बन्धित को अनुस्मारक पत्र भेजा जाये। उन्होने कड़ी लहजे मे कहा कि इस कार्य में यदि किसी भी स्तर पर समय से न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करने मे लापरवाही पायी गयी तो सम्बन्धित को प्रतिपूर्ण प्रविष्टी दी जायेगी।
जिलाधिकारी ने आडिट आपत्तियों का निस्तारण एवं जन समस्याओं का निस्तारण प्रमुखता के आधार पर करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान पाया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में 89.5 प्रतिशत की प्रगति हुई है जबकि 95 प्रतिशत की प्रगति आवश्यक है। श्री द्विवेदी ने निर्धाति लक्ष्य पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होने यह भी कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन पोर्टल खोलकर आईजीआरएस के प्रकरणों को देखें तथा उसके निराकरण करें, कोई संदर्भ डिफाल्टर नही होना चाहिये।
जिलाधिकारी ने ऋण मोचन योजना की समीक्षा के दौरान पाया कि जनपद मे कुल 8171 शिकायतें प्राप्त हुई जिसके सापेक्ष मात्र 131 की मार्किंग हुई है तथा शेष 8040 शिकायतें तहसीलों में ंअभी लम्बित हैं। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों/तहसीलदारों को निर्देश दिये कि वे गांववार सूची लेखपालों को देकर जांच करा लें तथा प्राथमिकता के आधार उसकी मार्किंग करें ताकि बजट समर्पण की स्थिति न बने। यह भी बताया गया कि पोर्टल पर भूलेख मैपिंग के 2208 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। श्री द्विवेदी ने उसका सत्यापन कराने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि 5 वर्ष से ऊपर के कुल 5270 मुकदमें निस्तारण हेतु लम्बित हैं। जिलाधिकारी ने सभी पीठासीन अधिकारियों/मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिये कि वादों का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर करें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) लवकुश कुमार त्रिपाठी, एडीएम वित्त/राजस्व बीके गुप्ता, मुख्य राजस्व अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, उप जिलाधिकारी/तहसीलदार गण सहित विभिन्न विभागों के सम्बन्धित अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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