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राजनितिक दलों से जुड़े हैं 01.11 करोड़ पुरानी करेंसी साथ पकडे गए आजमगढ़ के लोग


नोटबंदी के बाद गोरखपुर और बस्ती मंडल में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी 
बस्ती क्राइम ब्रांच,स्वाट टीम ने 03 नेपालियों के साथ 02 आजमगढ़ वासियों को दबोचा
आजमगढ़:: बस्ती क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम और कोतवाली पुलिस द्वारा पुरानी पांच सौ और हजार की नोटों में 01 करोड़ 11 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार पांच लोगों में दो आजमगढ़ के रहने वाले है और राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखते है। पुलिस द्वारा पकड़ा गया अवधराज अखिल भारत वर्षीय यादव सभा का प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ ही पूर्व सीएम अखिलेश यादव का खुद को करीबी बताता रहा है । वहीं सत्यप्रकाश कांग्रेस से ताल्लुक रखता है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उसने सदर विधानसभा से टिकट भी मांगा था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर जिले की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। बता दें कि बस्ती जनपद की क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम और कोतवाली पुलिस के संयुक्त आपरेशन में गुरूवार को पुरानी पांच सौ और हजार की 1 करोड़ 11 लाख रुपये के साथ लक्जरी वाहन में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से दो आजमगढ़ के रहने वाले और बाकी तीन नेपाली है। इसे नोटबंदी के बाद गोरखपुर और बस्ती मंडल में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है। पुलिस के मुताबिक आजमगढ़ के दोनों युवक 01 करोड़ 11 लाख की पुरानी करेंसी लेकर बुधवार को ही खलीलाबाद आ गए थे लेकिन नेपाली कारोबारी नहीं पहुंचे थे। इसी बीच पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार तीन अन्य नेपाल के बातये जा रहे है। इस गिरफ्तारी के बाद आजमगढ़ एक बार फिर चर्चा में है। कारण कि गिरफ्तार दोनों आरोपी राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखते है। पुराने नोट के साथ पकड़ा गया रानी की सराय कस्बा निवासी अवधराज यादव अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का प्रदेश अध्यक्ष बताया जा रहा है । वह खुद को पूर्व सीएम अखिलेश यादव का करीबी बताता है और उसने सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के साथ अपने कई फोटो शेयर किये है। अवधराज यादव रूदरी मोड़ के पास स्कूल भी चलाता है। रहा सवाल दूसरे आरोपी सत्यप्रकाश उर्फ एसपी राय का तो वह मूल रूप से अहरौला थाना क्षेत्र के पुरा कोदई गांव का रहने वाला है लेकिन वह लंबे समय से रानी की सराय थाना क्षेत्र के रायपुर गांव स्थित अपने ननिहाल में रहता है। सत्यप्रकाश के पास फार्चूनर, स्वीफ्ट डीजायर समेत कई वाहन है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से टिकट हासिल करने के लिए उसने खुलकर पोस्टर वार किया था लेकिन सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते जिले के सभी कांग्रेसियों के चुनाव लड़ने के मंसूबे पर पानी फिर गया था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद जिले की राजनीतिक सर्किल में लोग तरह तरह की चर्चा में मशगूल है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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