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खौफ ! असलहे के साथ पंहुचा कोतवाली,कहा साहब अब सुधारूंगा और मेहनत मजदूरी कर जीवन बिताऊंगा


कुख्यात अपराधी अरविन्द यादव ने असलहे के साथ शहर कोतवाली में आत्म समर्पण कियाफरवरी में ही जेल से छूटा था अरविन्द,पुलिस के खौफ से फिर वापस गया 

 आजमगढ़ :: आम तौर पर लोग कहा करते थे की पुलिस अगर चाह जाये तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, यह कहावत अब अपने जिले आज़मगढ़ में सच साबित हो रही है। योगी सरकार के द्वारा जबसे प्रदेश में पुलिस को कार्य करने की स्वतंत्रता दी है कानून व्यवस्था में तब्दीली दिख रही है। आजमगढ़ जनपद में दोबारा मोर्चा संभाले पुलिस कप्तान अजय साहनी ने तो कमाल ही कर दिया है। हालत यह है की अगर जाने अनजाने में किसी परिंदे ने पर भी फड़फड़ा दिए तो फिर उसकी उलटी गिनती शुरू । पारिवारिक,व्यक्तिगत तौर पर होने वाली घटनाओं के अलावा देखा जाए तो वर्तमान में जिला लगभग अपराधमुक्त हो चला है। पुलिस कप्तान अजय साहनी की कार्य शैली का असर अब सीधे सीधे अपराधियों में दिखने लगा है । गौरतलब है की जनपद पुलिस द्वारा पिछले एक वर्ष में पुलिस मुठभेड़ और गिरफ्तारियों का जो सिलसिला चला उसने दर्जनों को अस्पताल और फिर जेल पंहुचा दिया है। हालत यह है की अपराधी अपनी जान की खैर मनाते फिर रहे हैं इसकी आज आजमगढ़ शहर कोतवाली में देखने को मिली। जहां पुलिसिया कार्रवाई के भय के चलते हत्या, लूट जैसे संगीन वारदातो को अंजाम दे चुके एक शातिर अपराधी शहर कोतवाली परिसर में काटते कारतूस के साथ पंहुचा और हाथ जोड़ अपने आपको पुलिस के हवाले कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले अपराधी का नाम है अरविन्द यादव, जो कि गाजीपुर जिले के सादात थाना क्षेत्र के बड़ागांव का रहने वाला है। आये दिन ये अपराधी घटनाओ को अंजाम देता था लेकिन पुलिस द्वारा अपराधियो के खिलाफ चल रहे एंकाउन्टर अभियान का खौफ इस कदर इस अपराधी पर पड़ा कि वह आत्मसमर्पण कर दिया। कोतवाली परिसर में मीडिया और अधिकारियों के सामने उसने हाथ जोड़ कर कहा वह जेल में रहकर पहले सुधरेगा और फिर मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन यापन करेगा । वही शहर कोतवाली में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी ने बताया कि हत्या व लूट के मामले में जिला कारागार में 2016 से बंद अरविन्द यादव 23 फरवरी को बेल पर छूटकर बाहर आया था। गाजीपुर के रहने वाले इस अपराधी का खौफ गाजीपुर ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के कई जिलो में था और यह हत्या व लूट जैसे संगीन अपराधो को अंजाम देता था। इधर अपराधियो के खिलाफ चल रही मुहिम से खौफ में आये अरविन्द यादव ने असलहे के साथ शहर कोतवाली में समर्पण किया और उसने अपराध की दुनिया को अलविदा कहते हुए मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने का निर्णय लिया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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